घाटकोपर थप्पड़कांड पर BJP विधायक पराग शाह की सफाई, बोले– गुस्से में गलती हो गई, हाथ नहीं उठाना चाहिए था

डिजिटल डेस्क- मुंबई के घाटकोपर इलाके में ट्रैफिक नियमों के उल्लंघन को लेकर हुए एक विवाद ने उस समय तूल पकड़ लिया, जब भारतीय जनता पार्टी (BJP) के विधायक पराग शाह ने एक ऑटो रिक्शा चालक को सार्वजनिक रूप से थप्पड़ मार दिया। यह घटना शनिवार की है, जिसका वीडियो और तस्वीरें सामने आने के बाद सोशल मीडिया से लेकर राजनीतिक गलियारों तक हंगामा मच गया। विरोध बढ़ता देख अब विधायक पराग शाह ने पूरे मामले पर अपनी सफाई दी है। पराग शाह ने कहा कि घाटकोपर में पिछले कुछ महीनों से ट्रैफिक व्यवस्था पूरी तरह चरमरा गई है। उन्होंने आरोप लगाया कि इलाके में फेरीवाले, स्कूटर चालक और ऑटो रिक्शा ड्राइवरों की मनमानी से आम लोग परेशान हैं। विधायक के अनुसार, “लोग वहां ठीक से रह नहीं पा रहे हैं। सीनियर सिटिजन शाम के समय बाहर निकलने से डरते हैं और बच्चे सड़क पार करने से कतराते हैं। यह एक तरह का अतिक्रमण है, जिसे हम अपनी भाषा में ‘जिहाद’ कह रहे हैं।

विधायक ने बताई पूरी बात

विधायक ने बताया कि वे अपने समर्थकों के साथ सड़क पर हुए अतिक्रमण के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे थे और दुकानदारों को समझा रहे थे। उसी दौरान एक ऑटो रिक्शा गलत साइड से तेज रफ्तार में आता दिखा। पराग शाह के मुताबिक, उन्होंने ऑटो चालक को रुकने का इशारा किया, लेकिन वह रुकने को तैयार नहीं था। “जिस स्पीड से वह ऑटो चला रहा था, ऐसा लग रहा था जैसे एक्सप्रेसवे पर रेसिंग कार दौड़ाई जा रही हो। विधायक का दावा है कि सभी कार्यकर्ताओं ने मिलकर ऑटो को रोका। इस दौरान ऑटो में बैठी एक महिला यात्री ने भी चालक की शिकायत की और कहा कि वह काफी देर से उसे धीमी और सुरक्षित ड्राइविंग के लिए समझा रही थी, लेकिन वह सुनने को तैयार नहीं था। इसी दौरान माहौल तनावपूर्ण हो गया और गुस्से में पराग शाह ने ऑटो चालक को थप्पड़ मार दिया।

विधायक ने स्वीकार की अपनी गलती

हालांकि, विधायक ने बाद में स्वीकार किया कि हाथ उठाना गलत था। उन्होंने कहा, “हां, उसे पीटना नहीं चाहिए था। गुस्से में मैंने भी उसे मार दिया, यह मेरी गलती है।” पराग शाह ने यह भी बताया कि ऑटो चालक के खिलाफ ट्रैफिक नियमों के उल्लंघन को लेकर चालान काटा गया है और उस पर जुर्माना भी लगाया गया। इस घटना के बाद कई सामाजिक संगठनों और आम नागरिकों ने कड़ा विरोध दर्ज कराया। विरोध करने वालों का कहना है कि चाहे कोई भी नियम तोड़े, कानून हाथ में लेने का अधिकार किसी जनप्रतिनिधि को नहीं है। लोगों ने सवाल उठाया कि एक विधायक द्वारा सार्वजनिक रूप से किसी व्यक्ति पर हाथ उठाना सत्ता की हनक को दर्शाता है।

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