KNEWS DESK- सनातन धर्म में एकादशी व्रत का विशेष महत्व है। यह व्रत भगवान विष्णु को समर्पित माना जाता है और सुख-समृद्धि, संतान सुख तथा पापों से मुक्ति के लिए रखा जाता है। पौष मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी को पौष पुत्रदा एकादशी कहा जाता है, जिसे अत्यंत फलदायी माना गया है।
पौष पुत्रदा एकादशी 2025 कब है?
पंचांग के अनुसार, पौष मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि 30 दिसंबर 2025 को सुबह 7 बजकर 50 मिनट से शुरू होगी और 31 दिसंबर 2025 को सुबह 5 बजे समाप्त होगी। उदया तिथि के अनुसार मंगलवार, 30 दिसंबर 2025 को पौष पुत्रदा एकादशी का व्रत रखा जाएगा।
क्यों विशेष है पौष पुत्रदा एकादशी?
धार्मिक मान्यता है कि सच्चे मन से इस दिन व्रत रखने और विधि-विधान से भगवान विष्णु की पूजा करने से संतान सुख की प्राप्ति होती है और व्यक्ति को अपने पापों से मुक्ति मिलती है। इस दिन किया गया जप, तप और दान कई गुना फल देने वाला माना जाता है।
पौष पुत्रदा एकादशी पर किन चीजों का दान न करें?
हालांकि दान का विशेष महत्व है, लेकिन शास्त्रों में कुछ वस्तुओं का दान इस दिन वर्जित माना गया है। इनका दान करने से व्रत का फल नष्ट हो सकता है।
लोहे का दान न करें
एकादशी के दिन लोहे का दान अशुभ माना जाता है। इससे पूजा का फल नहीं मिलता और पाप लगने की मान्यता है।
नमक का दान न करें
नमक का दान करने से घर में अशांति फैल सकती है और व्रत खंडित हो सकता है।
नुकीली वस्तुओं का दान न करें
चाकू, सुई या किसी भी प्रकार की नुकीली वस्तु का दान इस दिन वर्जित है। माना जाता है कि इससे भगवान विष्णु अप्रसन्न हो सकते हैं।
तेल का दान न करें
पौष पुत्रदा एकादशी पर तेल का दान करने से ग्रह दोष और धन हानि का योग बनता है।
अनाज और बीजों का दान न करें
गेहूं, चावल, मक्का, राई, जौ, जई, बाजरा और किसी भी प्रकार के बीज का दान इस दिन नहीं करना चाहिए। ऐसी मान्यता है कि इससे व्रती पाप का भागी बनता है।
क्या करें दान?
इस दिन फल, वस्त्र, तिल, गुड़, घी या जरूरतमंदों को भोजन कराना शुभ माना जाता है।
पौष पुत्रदा एकादशी केवल व्रत ही नहीं, बल्कि संयम और सही आचरण का दिन है। यदि श्रद्धा के साथ पूजा की जाए और वर्जित वस्तुओं का दान न किया जाए, तो यह एकादशी जीवन में सुख, शांति और समृद्धि लेकर आती है।