KNEWS DESK- भारतीय अंडर-19 क्रिकेट टीम रविवार को दुबई स्थित आईसीसी अकादमी में खेले जाने वाले अंडर-19 एशिया कप 2025 के फाइनल में चिर प्रतिद्वंद्वी पाकिस्तान के खिलाफ उतरेगी। आयुष म्हात्रे की कप्तानी में टीम इंडिया की नजरें रिकॉर्ड 9वीं बार एशिया कप ट्रॉफी जीतने पर टिकी हैं। टूर्नामेंट में अब तक भारतीय टीम का प्रदर्शन हर लिहाज से दमदार रहा है, जिसने उसे खिताबी मुकाबले का प्रबल दावेदार बना दिया है।
भारत ने ग्रुप ए में शानदार खेल दिखाते हुए अपने सभी मुकाबले जीते और शीर्ष स्थान हासिल किया। ग्रुप चरण में भारत ने पाकिस्तान को 90 रन से करारी शिकस्त दी थी, जो इस टूर्नामेंट में पाकिस्तान की इकलौती हार रही। इसके बाद सेमीफाइनल में भी भारतीय टीम ने अपना दबदबा कायम रखते हुए श्रीलंका को आठ विकेट से हराकर फाइनल में प्रवेश किया। दूसरी ओर पाकिस्तान ने सेमीफाइनल में गत चैंपियन बांग्लादेश को मात देकर खिताबी मुकाबले में जगह बनाई।
फाइनल तक भारत का सफर संतुलित और हरफनमौला प्रदर्शन पर आधारित रहा है। बल्लेबाजी और गेंदबाजी—दोनों विभागों में टीम ने खुद को एक मजबूत इकाई के रूप में साबित किया है। भारतीय बल्लेबाजों ने टूर्नामेंट में दो बार 400 से अधिक रन का विशाल स्कोर खड़ा किया है, जो टीम की गहराई और आक्रामक सोच को दर्शाता है।
इस टूर्नामेंट में युवा खिलाड़ियों ने खासा ध्यान खींचा है। 17 वर्षीय विकेटकीपर-बल्लेबाज अभिज्ञान कुंडू ने मलेशिया के खिलाफ 125 गेंदों में नाबाद 209 रन बनाकर युवा वनडे क्रिकेट में दोहरा शतक जड़ने वाले पहले भारतीय खिलाड़ी बनने का कारनामा किया। वहीं वैभव सूर्यवंशी ने यूएई के खिलाफ 95 गेंदों में 171 रन की विस्फोटक पारी खेलकर अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया।
शीर्ष क्रम के लड़खड़ाने पर मध्यक्रम ने हर बार जिम्मेदारी संभाली है। हैदराबाद के आरोन जॉर्ज ने लगातार तीन अर्धशतक जमाए हैं और 100 से ज्यादा के स्ट्राइक रेट से रन बनाए हैं। उन्हें विहान मल्होत्रा का अच्छा साथ मिला है, जो श्रीलंका के खिलाफ 61 रन बनाकर नाबाद लौटे थे। ऑलराउंडर कनिष्क चौहान ने फिनिशर की भूमिका बखूबी निभाई है—127 से अधिक के स्ट्राइक रेट से रन बनाने के साथ-साथ चार मैचों में छह विकेट भी अपने नाम किए हैं। पाकिस्तान के खिलाफ ग्रुप मैच में उनके 33 रन देकर तीन विकेट निर्णायक साबित हुए थे।
गेंदबाजी में तेज गेंदबाज दीपेश देवेंद्रन टीम इंडिया की अगुवाई कर रहे हैं। उन्होंने टूर्नामेंट में अब तक 11 विकेट झटके हैं और पाकिस्तान के अब्दुल सुभान के साथ संयुक्त रूप से सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाज हैं। मलेशिया के खिलाफ पांच विकेट और पाकिस्तान के खिलाफ शीर्ष क्रम को जल्दी समेटना उनके शानदार फॉर्म को दिखाता है।
पाकिस्तान की सबसे बड़ी ताकत उनका तेज गेंदबाजी आक्रमण है, जिसमें अब्दुल सुभान, मोहम्मद सैयाम और अली रजा शामिल हैं। स्पिन विभाग में नकाब शफीक और लेग स्पिनर अहमद हुसैन अहम भूमिका निभा सकते हैं। हालांकि बल्लेबाजी पाकिस्तान के लिए चिंता का विषय बनी हुई है। कप्तान फरहान यूसुफ की टीम लगातार अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाई है। समीर मिन्हास, जिन्होंने मलेशिया के खिलाफ नाबाद 177 रन बनाए थे, फाइनल में पाकिस्तान की सबसे बड़ी उम्मीद होंगे।
भारत अंडर-19 एशिया कप का सबसे सफल देश रहा है, जबकि पाकिस्तान अब तक सिर्फ एक बार 2012 में यह खिताब जीत सका है और दो बार उपविजेता रहा है। हाल के वर्षों में सीनियर स्तर पर भी भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ बढ़त बनाई है, और जूनियर टीम उसी लय को आगे बढ़ाने के इरादे से मैदान में उतरेगी। पिछले मुकाबले की तरह फाइनल के बाद भी दोनों टीमों के खिलाड़ियों के बीच हैंडशेक को लेकर वही नीति देखने को मिल सकती है।
अब देखना दिलचस्प होगा कि क्या भारत अपने शानदार प्रदर्शन को जारी रखते हुए रिकॉर्ड 9वां खिताब अपने नाम कर पाता है या पाकिस्तान उलटफेर कर इतिहास बदलने में कामयाब होता है।
अंडर-19 एशिया कप फाइनल के लिए दोनों टीमें
भारत: आयुष म्हात्रे (कप्तान), वैभव सूर्यवंशी, विहान मल्होत्रा (उपकप्तान), वेदांत त्रिवेदी, अभिज्ञान कुंडू (विकेटकीपर), हरवंश सिंह (विकेटकीपर), युवराज गोहिल, कनिष्क चौहान, खिलान ए. पटेल, नमन पुष्पक, डी. दीपेश, हेनिल पटेल, किशन कुमार सिंह, उधव मोहन, आरोन जॉर्ज।
पाकिस्तान: फरहान यूसुफ (कप्तान), उस्मान खान (उपकप्तान), अब्दुल सुभान, अहमद हुसैन, अली हसन बलूच, अली रजा, दानियाल अली खान, हमजा जहूर (विकेटकीपर), हुजैफा अहसन, मोमिन कमर, मोहम्मद सैयाम, मोहम्मद शायान (विकेटकीपर), नकाब शफीक, समीर मिन्हास, मोहम्मद हुजैफा।