शीतकालीन चारधाम यात्रा जारी,विपक्ष के सवाल भारी !


उत्तराखंड डेस्क रिपोर्ट , उत्तराखंड में शीतकालीन चारधाम यात्रा सुचारू रूप से संचालित हो रही है और श्रद्धालुओं की संख्या लगातार बढ़ रही है अब तक बद्रीनाथ धाम के शीतकालीन गद्दी स्थल ज्योर्तिमठ में 907, केदारनाथ धाम के शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर, ऊखीमठ में 4874, गंगोत्री धाम के शीतकालीन गद्दी स्थल मुखबा में 1553, जबकि यमुनोत्री धाम के गद्दी स्थल खरसाली में 656 श्रद्धालु पहुंच चुके हैं….इस प्रकार अब तक कुल 7990 श्रद्धालु शीतकालीन यात्रा के अंतर्गत अब तक चारों धामों के गद्दी स्थल पर दर्शन कर चुके हैं…. सरकार का अनुमान है कि आने वाले दिनों में शीतकालीन यात्रा में और अधिक बढ़ोतरी देखने को मिलेगी, जिसको लेकर लेकर सीएम धामी ने कहा कि शीतकालीन यात्रा की शुरुआत राज्य सरकार ने पिछले वर्ष की थी और इसके सकारात्मक परिणाम सामने आ रहे हैं…. राज्य सरकार ने बीते कुछ वर्षों में शीतकालीन चारधाम यात्रा की पहल की है, ताकि श्रद्धालु सर्दियों के मौसम में भी देवभूमि की आस्था से जुड़े रहें. इस योजना का उद्देश्य केवल धार्मिक नहीं बल्कि आर्थिक भी है, ताकि ठंड के मौसम में भी स्थानीय लोगों को रोजगार और व्यवसाय के अवसर मिलते रहें.जैसे ही गंगोत्री, यमुनोत्री, केदारनाथ और बदरीनाथ के कपाट सर्दियों के लिए बंद होते हैं, भगवान की प्रतिमाओं को परंपरा के अनुसार शीतकालीन गद्दीस्थल लाया जाता है. इन स्थानों पर ही पूजा-अर्चना और दर्शन का आयोजन होता है और यहीं पर सभी देवी-देवताओं के दर्शन किए जाते है.वही विपक्ष का मानना है की सरकार ग्रीष्मकालीन यात्रा में यात्रियों के लिए व्यवस्था काकरने में फेल रही है ऐसे में शीतकालीन यात्रा सरकार करा रही है जिसमे यात्रियों को ठण्ड और बर्फ़बारी के चलते कई कठनाईया उठानी पड़ सकती है ऐसे में ये सरकार का दावा भी एक फलसरूफा साबित होगा।

राज्य पर्यटन विभाग ने यात्रा मार्ग को धार्मिक-सांस्कृतिक सर्किट के रूप में विकसित किया है, ताकि श्रद्धालुओं को सुविधाजनक यात्रा अनुभव मिले.वही मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि इस पहल का मुख्य उद्देश्य उत्तराखंड में पर्यटन को 12 महीने निरंतर चलाए रखना है, ताकि होटल व्यवसायियों, वाहन चालकों, दुकानदारों और पर्यटन से जुड़े अन्य लोगों को सालभर रोजगार मिल सके…..चारधाम यात्रा और पर्यटन से जुड़े सभी लोगों की आजीविका पूरे वर्ष चलती रहे, इसी सोच के साथ शीतकालीन यात्रा को आगे बढ़ाया जा रहा है….सीएम  ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी 30 नवंबर को मन की बात कार्यक्रम में उत्तराखंड की शीतकालीन यात्रा का उल्लेख किया, जिससे पूरे देश और दुनिया को राज्य में शीतकालीन पर्यटन के महत्व की जानकारी मिली….उन्होंने कहा कि शीतकाल में उत्तराखंड का मौसम, स्वच्छ पर्यावरण, शुद्ध हवा और प्राकृतिक सौंदर्य पर्यटकों को विशेष रूप से आकर्षित करता है…. सीएम ने प्रधानमंत्री का आभार व्यक्त करते हुए देश-दुनिया के पर्यटकों और श्रद्धालुओं से अपील की कि वे शीतकालीन यात्रा के लिए अपनी यात्रा की योजना बनाएं… उन्होंने कहा कि उत्तराखंड की जनता सभी श्रद्धालुओं और पर्यटकों का खुले दिल से स्वागत करेगी और उन्हें एक सुखद व सुरक्षित वातावरण प्रदान किया जाएगा….वही विपक्षी दल यात्रा को लेकर सरकार की मश पर कई सवाल खड़े करते दिखाई दे रहे है.

अगर आप भी शीतकालीन यात्रा पर आ रहे है तो यात्रियों को इन सावधानियों का रखना होगा ध्यान:

शीतकालीन यात्रा में सड़कें कई बार फिसलन भरी हो सकती हैं. 
पहाड़ी इलाकों में कोहरे और बर्फ की वजह से विजिबिलिटी कम हो जाती है, ऐसे में दिन के समय यात्रा करना ज्यादा सुरक्षित होता है.
ड्राइवरों को पहाड़ी क्षेत्र में वाहन चलाने का अनुभव होना चाहिए.
साथ ही तीर्थयात्री अपने साथ भोजन-सामग्री, प्राथमिक चिकित्सा किट और पर्याप्त ईंधन की व्यवस्था रखें.
स्वास्थ्य संबंधी दिक्कत वाले लोगों को चिकित्सकीय परामर्श के बाद ही यात्रा करनी चाहिए.

अब तक भाजपा सरकार में चली चारधाम यात्रा में अव्यवस्थाओं को लेकर विपक्षी दल सरकार से जवाब मांगते नजर आए. धामी सरकार ने ग्रीष्मकालीन यात्रा में लगभग 60 लाख से श्रद्धालुओं के आने का भी दावा किया लेकिन विपक्षी दलों को इसमें भी सरकार की मंश पर कई सवाल खड़े किए, जब अब सरकार शीतकालीन यात्रा को मिला कर चारधाम यात्रा 12 महीने चलने की बात कर रही है, तो विपक्ष धामी सरकार को बिना तैयारियों के हवाहवाई बता रहा है,साथ ही भाजपा का मानना है, की हमारी सरकार पहाड़ पर रोजगार बढ़ने की नई पहल करने जा रही है, जिससे बेरोजगारी और पालयन पर रोक लगने का दावा कर रही है. 

आपको बता दे ,उतराखंड सरकार ने वर्ष 2021 से इस पहल को गंभीरता से लागू किया. पर्यटन विभाग ने विंटर चारधाम सर्किट के रूप में इसे प्रचारित किया है. इसके अंतर्गत स्थानीय होटल, होमस्टे, यातायात सेवाओं और पुरोहित समाज को जोड़ा गया है. इससे ठंड के मौसम में भी हजारों लोग रोजगार पा रहे हैं. सरकार का उद्देश्य यह है कि गर्मियों के बाद जब आमतौर पर तीर्थयात्रा ठप हो जाती थी, तब भी धार्मिक-सांस्कृतिक गतिविधियां जारी रहें, पिछले दो वर्षों में इसका अच्छा असर देखने को मिला है.वही अब तक चली यात्रा को लेकर सरकार ने कई व्यवस्था को लेकर दावे भी किए लेकिन विपक्षी दलों के साथ पर्यटन से जुड़े लोगों का मानना है.धामी सरकार की पहल तो सही है लेकिन उचित व्यवस्थाओ के कारण इसका बड़ा असर शीतकालीन चारधाम यात्रा अभी देखने को नहीं मिल रहा सिर्फ दावा तो किया जा रहा है सरकार को जल्द इस पर भी कोई ठोस निति बननी पड़ेगी ताकि प्रदेश को विकास और रोजगार सही दिशा में मिल सके.

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