KNEWS DESK- हिंदू धर्म में अमावस्या तिथि को अत्यंत पावन और महत्वपूर्ण माना जाता है। आज पौष मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या है, जिसे अन्य अमावस्याओं की तुलना में विशेष फलदायी बताया गया है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार पौष मास को ‘छोटा पितृ पक्ष’ भी कहा जाता है, इसलिए इस दिन पितरों के निमित्त किए गए सभी कार्य सीधे उन्हें समर्पित माने जाते हैं।
अमावस्या की अंधेरी रात और दीपदान की परंपरा
अमावस्या की रात सबसे अंधेरी होती है। ऐसी मान्यता है कि इस दिन पितृ लोक से धरती पर आते हैं। दीपदान के माध्यम से उनके मार्ग को प्रकाशमान किया जाता है, ताकि वे प्रसन्न होकर अपने वंशजों को सुख-समृद्धि और उत्तम स्वास्थ्य का आशीर्वाद दें। कहा जाता है कि अमावस्या के दिन दीपक जलाने से पितृ दोष के कारण जीवन में आ रही बाधाएं और परेशानियां दूर होती हैं।
पौष अमावस्या पर पितरों के लिए कहां जलाएं दीपक
घर की दक्षिण दिशा में
पौष अमावस्या के दिन पितरों के लिए घर की दक्षिण दिशा में दीपक जलाना शुभ माना जाता है। शास्त्रों के अनुसार दक्षिण दिशा पितरों की दिशा होती है। अमावस्या की संध्या में घर के दक्षिण कोने में दीपक जलाने से पितृ प्रसन्न होते हैं।
नदी के तट पर या पीपल के पेड़ के नीचे
यदि संभव हो तो गंगा, यमुना जैसी पवित्र नदी के तट पर दीपदान करना चाहिए। नदी पास न हो तो पीपल के वृक्ष के नीचे दीपक जलाना भी अत्यंत शुभ माना गया है। मान्यता है कि पीपल में देवताओं का वास होता है, इसलिए यहां किया गया दीपदान विशेष फल देता है।
घर की चौखट और जल स्थान के पास
पौष अमावस्या के दिन घर की चौखट और पीने के पानी के स्थान के पास दीपक रखना भी शुभ माना जाता है। धार्मिक विश्वास है कि पितृ जल स्थान के पास भी आते हैं, इसलिए वहां दीपक जलाने से उन्हें संतोष मिलता है।
कितने दीपक जलाना होता है शुभ?
पौष अमावस्या के दिन पितरों के नाम पर कम से कम 1 या 2 दीपक अवश्य जलाने चाहिए। एक दीपक दक्षिण दिशा में और दूसरा पीने के पानी के स्थान के पास रखना उत्तम माना गया है। पितृ दोष से मुक्ति और विशेष आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए 5, 11 या 21 दीपक जलाने की परंपरा है। इन दीपकों को घर के मुख्य द्वार, मंदिर, पीपल के वृक्ष और नदी के किनारे रखा जा सकता है।
कहा जाता है कि पौष अमावस्या पर विधि-विधान से दीपदान करने से पितृ प्रसन्न होते हैं और परिवार में सुख, शांति, समृद्धि तथा सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।