पौष मासिक शिवरात्रि में आज बन रहा है सर्वार्थसिद्धि योग का शुभ संयोग, शिव पूजा के दौरान भूलकर भी न करें ये गलतियां

KNEWS DESK- पंचांग के अनुसार आज पौष माह की मासिक शिवरात्रि मनाई जा रही है। इस बार शिवरात्रि का महत्व इसलिए और बढ़ गया है क्योंकि आज सर्वार्थसिद्धि योग का दुर्लभ संयोग भी बन रहा है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार इस योग में भगवान शिव की पूजा करने से रुके हुए कार्य तेजी से पूरे होते हैं। हालांकि शास्त्र यह भी चेतावनी देते हैं कि आज की गई छोटी सी गलती भी शुभ फल को निष्फल कर सकती है।

शिवरात्रि और सर्वार्थसिद्धि योग का शुभ संयोग

आज का दिन विशेष रूप से इसलिए महत्वपूर्ण माना जा रहा है क्योंकि सर्वार्थसिद्धि योग में शिव आराधना करने से हर प्रकार की मनोकामना शीघ्र पूर्ण होती है।

सर्वार्थसिद्धि योग: यह योग सफलता और सिद्धि का प्रतीक माना जाता है। इसमें लिया गया संकल्प और शुरू किया गया कार्य कभी व्यर्थ नहीं जाता।

मासिक शिवरात्रि: कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को मनाई जाने वाली यह तिथि वैवाहिक जीवन की परेशानियों, आर्थिक तंगी और मानसिक तनाव को दूर करने के लिए अत्यंत फलदायी मानी जाती है।

शिवरात्रि पर भूलकर भी न करें ये गलतियां

क्रोध, कलह और अपमान से बचें

शिवरात्रि के दिन क्रोध करना, झगड़ा करना या किसी असहाय और गरीब का अपमान करना बड़ा दोष माना गया है। भगवान शिव भले ही भोले हैं, लेकिन अनुशासन और मर्यादा प्रिय हैं। इस दिन की गई नकारात्मकता से सर्वार्थसिद्धि योग का शुभ प्रभाव समाप्त हो सकता है और बनते हुए कार्य अंतिम समय में अटक सकते हैं।

शिवलिंग पर तुलसी न चढ़ाएं

आज के दिन शिवलिंग पर भूलकर भी तुलसी दल अर्पित न करें। शास्त्रों में भगवान शिव की पूजा में तुलसी को वर्जित बताया गया है. इससे महादेव अप्रसन्न हो सकते हैं।

शिवरात्रि पर करें ये विशेष उपाय

दूध और काले तिल से अभिषेक

दूध में काले तिल मिलाकर शिवलिंग का अभिषेक करें। इससे करियर, नौकरी और व्यापार में आ रही बाधाएं दूर होती हैं।

बेलपत्र अर्पण

11 बेलपत्रों पर चंदन से ‘ॐ नमः शिवाय’ लिखकर शिवलिंग पर चढ़ाएं। यह उपाय मनोकामना पूर्ति के लिए अत्यंत शुभ माना गया है।

सफेद वस्तुओं का दान

आज चावल, चीनी या दूध जैसी सफेद वस्तुओं का दान करने से सौभाग्य बढ़ता है और आर्थिक समस्याएं दूर होती हैं।

सर्वार्थसिद्धि योग का धार्मिक महत्व

सर्वार्थसिद्धि योग को सभी कार्यों में सफलता दिलाने वाला योग माना गया है। इस योग में किया गया जप, तप, पूजा-पाठ और दान कई गुना फल देता है। जब यह योग शिवरात्रि जैसे पावन दिन से जुड़ जाता है, तो इसका महत्व और भी बढ़ जाता है। यह संयोग नौकरी, व्यापार, विवाह, संतान सुख और धन संबंधी समस्याओं के समाधान के लिए श्रेष्ठ माना गया है।

मासिक शिवरात्रि का आध्यात्मिक महत्व

सनातन धर्म में मासिक शिवरात्रि को आत्मशुद्धि और साधना का पर्व माना गया है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन विधि-विधान से व्रत और पूजा करने से पापों का नाश होता है, नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है और जीवन में सुख, शांति व समृद्धि आती है. कहा जाता है कि मासिक शिवरात्रि पर भगवान शिव अत्यंत कृपालु होते हैं और सच्चे मन से की गई प्रार्थना अवश्य स्वीकार करते हैं।

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