मथुरा में कोहरे के कहर के बाद सख्त हुए सीएम योगी, अफसरों को फील्ड में अलर्ट रहने के निर्देश, घटाई स्पीड लिमिट

डिजिटल डेस्क- मथुरा में घने कोहरे के कारण यमुना एक्सप्रेसवे पर हुए भीषण सड़क हादसे के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राज्यभर में ठंड और कोहरे को लेकर प्रशासन को पूरी तरह सतर्क रहने के निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री ने साफ शब्दों में कहा है कि जनजीवन, यातायात और निराश्रितों की सुरक्षा में किसी भी स्तर की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने सभी मंडलायुक्तों, आईजी, जिलाधिकारियों, पुलिस, ट्रैफिक और नगर निकाय अधिकारियों को फील्ड में सक्रिय रहकर हालात पर नजर रखने की चेतावनी दी है। बुधवार को हुई एक उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा कि सड़कों, गलियों, राष्ट्रीय राजमार्गों से लेकर एक्सप्रेसवे तक सुरक्षा इंतजाम चाक-चौबंद होने चाहिए। कोहरे के मौसम में दुर्घटनाओं की आशंका कई गुना बढ़ जाती है, ऐसे में प्रशासन की जिम्मेदारी और भी बढ़ जाती है। उन्होंने यमुना एक्सप्रेसवे समेत सभी एक्सप्रेसवे पर पेट्रोलिंग बढ़ाने, ब्लैक स्पॉट्स पर अतिरिक्त सतर्कता बरतने और वहां विशेष टीमें तैनात करने के निर्देश दिए।

यातायात प्रबंधन प्रभावी ढंग से हो लागू

सीएम योगी ने कहा कि खराब विजिबिलिटी के दौरान यातायात प्रबंधन प्रभावी ढंग से लागू किया जाए। ओवरस्पीडिंग करने वालों पर सख्त कार्रवाई हो और जरूरत पड़ने पर वाहनों की गति नियंत्रित की जाए। एक्सप्रेसवे और हाईवे पर क्रेन और एंबुलेंस 24 घंटे उपलब्ध रहें ताकि किसी भी आपात स्थिति में तुरंत मदद पहुंचाई जा सके। टोल प्लाजा पर लाउडस्पीकर के माध्यम से चालकों को कोहरे को लेकर लगातार सतर्क किया जाए। मुख्यमंत्री ने सड़क प्रकाश व्यवस्था, रिफ्लेक्टर, साइन बोर्ड और पेट्रोलिंग को दुरुस्त रखने के निर्देश भी दिए। उन्होंने डार्क स्पॉट्स की पहचान कर वहां तत्काल बेहतर इंतजाम करने को कहा। राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण और स्टेट हाईवे के अधिकारियों के साथ समन्वय बनाकर व्यवस्थाओं को मजबूत करने के निर्देश भी दिए गए हैं।

खुले में सोता न मिले कोई भी व्यक्ति- सीएम योगी

ठंड और शीतलहर को लेकर मुख्यमंत्री ने मानवीय दृष्टिकोण अपनाने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि कोई भी व्यक्ति खुले में सोता हुआ न मिले। निराश्रितों और जरूरतमंदों को रैन बसेरों तक पहुंचाया जाए, जहां हीटर, अलाव और कंबल की समुचित व्यवस्था होनी चाहिए। नगर निकायों को नियमित रूप से इन व्यवस्थाओं की निगरानी करने को कहा गया है। इसके साथ ही गोशालाओं में गोवंश को ठंड से बचाने के लिए अलाव और अन्य आवश्यक इंतजाम सुनिश्चित करने के निर्देश भी दिए गए हैं।

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