डिजिटल डेस्क- संसद में सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच तीखी बहस और नोकझोंक आम बात है। अक्सर मुद्दों को लेकर टकराव इतना बढ़ जाता है कि माहौल तनावपूर्ण हो जाता है। लेकिन कभी-कभी संसद परिसर में ऐसे नजारे भी देखने को मिल जाते हैं, जो सियासी कटुता के बीच हल्के-फुल्के पल लेकर आते हैं। ऐसा ही एक दिलचस्प दृश्य आज संसद भवन में देखने को मिला, जब केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी और तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के सांसद कल्याण बनर्जी के बीच मजाकिया बातचीत हुई। यह वाकया उस वक्त का है, जब केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी संसद के मकर द्वार से बाहर निकल रहे थे। इसी दौरान टीएमसी सांसद कल्याण बनर्जी उनके पास पहुंचे और अपने चिर-परिचित अंदाज में बातचीत शुरू कर दी। बनर्जी ने मुस्कुराते हुए कहा कि सत्ता पक्ष के बड़े नेताओं द्वारा बार-बार ‘घुसपैठिया-घुसपैठिया’ चिल्लाया जाता रहा है। उन्होंने व्यंग्य करते हुए पूछा कि जिन एक करोड़ घुसपैठियों की बात की जा रही थी, उनमें से क्या एक भी मिला?
आपको ही घुसपैठियों की जिम्मेदारी दे देते हैं….
कल्याण बनर्जी की इस टिप्पणी पर नितिन गडकरी ने भी माहौल को हल्का करते हुए हंसते-हंसते जवाब दिया कि “आपको ही घुसपैठियों की जिम्मेदारी दे देते हैं।” इसके बाद दोनों नेता जोर-जोर से ठहाके लगाने लगे। आसपास मौजूद लोग भी इस अनोखे दृश्य को देखकर मुस्कुरा उठे। कुछ पल बाद बनर्जी ने गडकरी के कान में कुछ कहा, जिसके बाद दोनों की हंसी और तेज हो गई। बातचीत यहीं खत्म नहीं हुई। जब नितिन गडकरी आगे बढ़ने लगे, तो कल्याण बनर्जी ने मजाक में कहा कि “आप इतनी गाड़ियां जो नौकरों को देते हैं, वो हम लोगों के पास भेज दीजिए।” इस पर भी गडकरी मुस्कुराते हुए अपनी गाड़ी में बैठ गए। संसद परिसर में हुआ यह हल्का-फुल्का संवाद सोशल मीडिया पर भी चर्चा का विषय बन गया।
नितिन गडकरी ने दी अहम जानकारी
इस दिलचस्प पल से पहले नितिन गडकरी ने संसद के भीतर एक अहम जानकारी भी साझा की थी। राज्यसभा में उन्होंने बताया कि देशभर में मल्टी लेन फ्री फ्लो टोलिंग (एमएलएफएफ) सिस्टम और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) आधारित हाईवे मैनेजमेंट सिस्टम को 2026 के अंत तक पूरी तरह लागू कर दिया जाएगा। इसके लागू होने के बाद टोल प्लाजा पर रुकने की जरूरत खत्म हो जाएगी। गडकरी ने कहा कि नई तकनीक के जरिए टोल भुगतान पूरी तरह से निर्बाध होगा। इससे यात्रियों का समय बचेगा और लंबी कतारों से निजात मिलेगी। उन्होंने बताया कि इस सिस्टम से सालाना करीब 1,500 करोड़ रुपये के ईंधन की बचत होगी, वहीं सरकार के राजस्व में लगभग 6,000 करोड़ रुपये की बढ़ोतरी होगी। पहले टोल प्लाजा पर भुगतान में 3 से 10 मिनट लगते थे, फास्टैग से यह समय घटकर 60 सेकंड हुआ और अब एमएलएफएफ सिस्टम से यह पूरी तरह खत्म हो जाएगा।