डिजिटल डेस्क- रेलवे से सफर करने वाले यात्रियों के लिए बड़ी खुशखबरी है। भारतीय रेलवे ने पहली बार रिजर्वेशन चार्ट तैयार करने के समय में अहम बदलाव किया है। अब यात्रियों को अपने वेटिंग या RAC टिकट का स्टेटस ट्रेन के प्रस्थान से पूरे 10 घंटे पहले ही पता चल जाएगा। इस फैसले से खासकर उन यात्रियों को राहत मिलेगी, जो दूर-दराज से यात्रा कर स्टेशन पहुंचते हैं और आखिरी समय तक कन्फर्म टिकट को लेकर असमंजस में रहते थे। रेलवे बोर्ड द्वारा जारी नए निर्देशों के मुताबिक, अब अलग-अलग समय पर चलने वाली ट्रेनों के लिए चार्ट तैयार करने का समय तय कर दिया गया है। सुबह 5 बजे से दोपहर 2 बजे के बीच रवाना होने वाली ट्रेनों का पहला रिजर्वेशन चार्ट अब पिछले दिन रात 8 बजे तक तैयार कर लिया जाएगा। वहीं, दोपहर 2:01 बजे से रात 11:59 बजे तक और आधी रात 12 बजे से सुबह 5 बजे तक चलने वाली ट्रेनों का चार्ट ट्रेन के प्रस्थान से 10 घंटे पहले तैयार होगा।
अभी तक 4 घंटे पहले ही बनता था चार्ट
अब तक रेलवे में यह व्यवस्था थी कि पहला रिजर्वेशन चार्ट ट्रेन के प्रस्थान से लगभग 4 घंटे पहले ही बनता था। इसका सबसे ज्यादा नुकसान वेटिंग लिस्ट और RAC टिकट वाले यात्रियों को होता था। उन्हें आखिरी समय में ही पता चलता था कि उनकी सीट कन्फर्म हुई है या नहीं। कई बार यात्री पहले ही स्टेशन पहुंच जाते थे और बाद में टिकट कन्फर्म न होने पर उन्हें निराश होकर वापस लौटना पड़ता था। रेलवे अधिकारियों का कहना है कि इस पुराने सिस्टम को लेकर लंबे समय से यात्रियों की शिकायतें मिल रही थीं। खासकर छोटे शहरों और गांवों से आने वाले यात्रियों को चार्ट देर से बनने की वजह से समय, पैसा और ऊर्जा तीनों की बर्बादी झेलनी पड़ती थी। इसी को ध्यान में रखते हुए रेलवे बोर्ड ने चार्ट प्रिपरेशन के समय में यह ऐतिहासिक बदलाव किया है।
टिकट कंफर्म न होने पर मिलेगा कैंसिल करने का समय
रेल मंत्रालय के अधिकारियों ने बताया कि इस फैसले का उद्देश्य यात्रियों को उनकी यात्रा की स्थिति के बारे में पहले से स्पष्ट जानकारी देना है, ताकि वे अपनी यात्रा की योजना बेहतर तरीके से बना सकें। अगर टिकट कन्फर्म नहीं होता है, तो यात्री समय रहते अपनी यात्रा रद्द कर सकते हैं या वैकल्पिक व्यवस्था कर सकते हैं। इस फैसले से न केवल यात्रियों की परेशानी कम होगी, बल्कि रेलवे स्टेशनों पर आखिरी समय में होने वाली भीड़ और अव्यवस्था पर भी लगाम लगेगी। साथ ही, टीटीई और रेलवे स्टाफ पर पड़ने वाला अतिरिक्त दबाव भी कम होगा।