डिजिटल डेस्क- गोवा के चर्चित नाइटक्लब अग्निकांड मामले में बड़ी कार्रवाई सामने आई है। बीते 6 दिसंबर को गोवा के अरपोरा स्थित एक नाइटक्लब में लगी भीषण आग के मुख्य आरोपी सौरभ लूथरा और गौरव लूथरा को थाईलैंड से डिपोर्ट कर भारत लाया गया है। मंगलवार 16 दिसंबर को दोनों आरोपी दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर उतरे, जहां पहले से मौजूद गोवा पुलिस की टीम ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तारी के बाद गोवा पुलिस ने दोनों आरोपियों का मेडिकल परीक्षण कराया और फिर ट्रांजिट रिमांड के लिए पटियाला हाउस कोर्ट में पेश किया। गोवा पुलिस ने कोर्ट से तीन दिन की ट्रांजिट रिमांड की मांग की थी, लेकिन अदालत ने दो दिन की ट्रांजिट रिमांड की ही अनुमति दी। कोर्ट के आदेश के बाद अब गोवा पुलिस दोनों आरोपियों को अपने साथ गोवा ले जाएगी। जानकारी के मुताबिक पुलिस टीम बुधवार 17 दिसंबर की सुबह की फ्लाइट से दोनों को दिल्ली से गोवा रवाना करेगी।
सुनवाई के दौरान परिवार वालों से कराई गई मुलाकात
पटियाला हाउस कोर्ट में पेशी के दौरान भावुक दृश्य भी देखने को मिला। सुनवाई के बाद दोनों भाइयों की अपने परिजनों से मुलाकात कराई गई। इस दौरान गौरव और सौरभ लूथरा अपने परिजनों के गले लगकर फूट-फूटकर रोते नजर आए। घटना के बाद देश छोड़कर भागने को लेकर जब मीडिया ने सवाल किए तो गौरव लूथरा हाथ जोड़ते हुए नजर आए। गोवा पुलिस ने कड़ी सुरक्षा के बीच गौरव लूथरा (44) और सौरभ लूथरा (40) को ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट ट्विंकल चावला की कोर्ट में पेश किया। गोवा पुलिस की ओर से पेश वकील ने बताया कि अदालत से दो दिन की ट्रांजिट रिमांड मिल गई है, जिसके बाद आगे की जांच गोवा में की जाएगी।
नाइटक्लब में आग लगने के बाद थाईलैंड भाग गए थे दोनों भाई
लूथरा ब्रदर्स पर गैर-इरादतन हत्या और गंभीर लापरवाही के आरोप लगाए गए हैं। जांच एजेंसियों का आरोप है कि नाइटक्लब में अनिवार्य अग्नि सुरक्षा मानकों का पालन नहीं किया गया था, जिससे आग लगने की घटना और अधिक भयावह हो गई। इस हादसे ने नाइटक्लब प्रबंधन की कार्यप्रणाली और सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। बताया जा रहा है कि आग लगने के कुछ ही घंटों बाद, 7 दिसंबर की तड़के दोनों आरोपी देश छोड़कर थाईलैंड के फुकेट भाग गए थे। इसके बाद उनके खिलाफ इंटरपोल का ब्लू कॉर्नर नोटिस जारी किया गया और पासपोर्ट भी रद्द कर दिए गए। भारत सरकार के अनुरोध पर 11 दिसंबर को थाईलैंड के अधिकारियों ने दोनों को हिरासत में लिया और कानूनी प्रक्रिया के तहत भारत डिपोर्ट किया।