डिजिटल डेस्क- मऊ जिले में मिशन शक्ति के तहत की गई एक कार्रवाई महिला इंस्पेक्टर को इतनी भारी पड़ गई कि उनका थाना ही उनसे छिन गया। मामला मऊ के प्रसिद्ध शीतला माता मंदिर का है, जहां दर्शन के लिए पहुंचे भाई-बहन को समझाना महिला इंस्पेक्टर मंजू सिंह को महंगा पड़ गया। सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल होते ही पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया और एसपी इलामारन ने तत्काल एक्शन लेते हुए मंजू सिंह से महिला थाने की जिम्मेदारी वापस ले ली। पूरा मामला उस वक्त शुरू हुआ जब गाजीपुर जिले के बड़ौरा मिल निवासी दो बहनें अपने भाई के साथ शीतला माता मंदिर घूमने आई थीं। उसी दौरान गश्त पर निकली महिला थाना प्रभारी मंजू सिंह वहां पहुंचीं।
महिला इंस्पेक्टर ने की थी पूछताछ, पिता से की थी बात
तीनों को एक साथ देखकर उन्होंने पूछताछ शुरू कर दी। नाम-पता, पिता का नाम पूछने के बाद संतुष्टि के लिए उन्होंने माता-पिता का नंबर लिया और फोन पर बात भी की। पूरी तसल्ली के बाद नाबालिग बहनों को गार्जियन के साथ घूमने की हिदायत देकर छोड़ दिया गया। लेकिन यहीं से कहानी ने यू-टर्न ले लिया। किसी ने इस पूरे घटनाक्रम का वीडियो बना लिया और सोशल मीडिया पर डाल दिया। देखते ही देखते वीडियो वायरल हो गया। फेसबुक से लेकर एक्स तक पुलिस की इस कार्रवाई पर बहस छिड़ गई। कुछ लोगों ने इसे मिशन शक्ति की सख्ती बताया, तो कुछ ने इसे निजी जीवन में दखल करार दे दिया।
वीडियो वायरल होने के बाद यूजर्स ने लिया था निशाने पर
सोशल मीडिया यूजर्स के तीखे सवालों ने माहौल और गर्म कर दिया—“क्या भाई गार्जियन नहीं होता?”, “क्या दिन में भी प्रदेश में लड़कियां सुरक्षित नहीं?”—तो वहीं कुछ लोगों ने लड़कियों का वीडियो वायरल करने को ही गलत ठहरा दिया। विपक्षी दलों ने भी इस मुद्दे को लपकते हुए कानून व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए। आखिरकार मामला एसपी इलामारन तक पहुंचा। उन्होंने तुरंत कार्रवाई करते हुए महिला इंस्पेक्टर मंजू सिंह से थाना वापस ले लिया और उनकी जगह महिला दरोगा कल्पना मिश्रा को महिला थाने की कमान सौंप दी।