KNEWS DESK- हिंदू धर्म में संक्रांति का पर्व अत्यंत पावन और महत्वपूर्ण माना जाता है। यह पर्व भगवान सूर्य से जुड़ा होता है। सूर्य देव जिस राशि में प्रवेश करते हैं, उसी के नाम से संक्रांति मनाई जाती है। जब सूर्य देव गुरु की राशि धनु में प्रवेश करते हैं, तब धनु संक्रांति का पर्व मनाया जाता है।
धनु संक्रांति के दिन पवित्र नदियों में स्नान, दान-पुण्य और सूर्य देव को अर्घ्य देने की परंपरा सदियों से चली आ रही है। इस दिन सूर्य देव की विशेष पूजा-अर्चना की जाती है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, धनु संक्रांति पर श्रद्धा से पूजा करने से भगवान सूर्य आरोग्यता, सुख-समृद्धि और खुशहाली का आशीर्वाद देते हैं।
धनु संक्रांति का पुण्य काल
पंचांग के अनुसार, आज धनु संक्रांति पर पुण्य काल सुबह 7 बजकर 06 मिनट से दोपहर 12 बजकर 16 मिनट तक रहेगा। वहीं महापुण्य काल की शुरुआत भी सुबह 7 बजकर 06 मिनट से हुई है, जो सुबह 8 बजकर 50 मिनट तक रहेगा। इस दौरान स्नान, दान और सूर्य पूजा का विशेष महत्व बताया गया है।
धनु संक्रांति के दिन न करें ये काम
दान करके पछतावा न करें
धनु संक्रांति के दिन दान का विशेष महत्व है, लेकिन दान देने के बाद पछतावा करना अशुभ माना जाता है। ऐसा करने से दान का पुण्य फल नष्ट हो सकता है।
आलस्य और क्रोध से बचें
इस पावन दिन आलस्य न करें और देर तक सोने से बचें। साथ ही क्रोध, विवाद और कटु वाणी से दूरी बनाए रखें, क्योंकि इससे सकारात्मक ऊर्जा का ह्रास होता है।
तामसिक भोजन न करें
शास्त्रों में धनु संक्रांति के दिन मांस, मदिरा, लहसुन-प्याज जैसे तामसिक भोजन से बचने की सलाह दी गई है। इनका सेवन करने से पुण्य फल कम हो जाते हैं।
सूर्य देव की उपेक्षा न करें
धनु संक्रांति के दिन सूर्य देव को अर्घ्य देना और उनकी पूजा करना अत्यंत आवश्यक माना गया है। मान्यता है कि इस दिन सूर्य देव की उपेक्षा करने से स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं बढ़ सकती हैं।
घर में साफ-सफाई रखें
इस दिन घर की स्वच्छता का विशेष ध्यान रखें। गंदगी करने से मां लक्ष्मी की कृपा बाधित होती है और आर्थिक परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है।
धनु संक्रांति के दिन नियम और श्रद्धा के साथ पूजा, स्नान और दान करने से जीवन में सुख, शांति और समृद्धि आती है।