डिजिटल डेस्क- कांग्रेस के वरिष्ठ सांसद और तिरुवनंतपुरम से सांसद शशि थरूर एक बार फिर सुर्खियों में हैं। बुधवार को थरूर ने साफ कर दिया कि वह ‘वीर सावरकर इंटरनेशनल इम्पैक्ट अवॉर्ड 2025’ न तो स्वीकार करेंगे और न ही इससे जुड़े किसी कार्यक्रम का हिस्सा बनेंगे। उनका कहना है कि अवॉर्ड के नेचर, देने वाले संगठन और कार्यक्रम की जानकारी तक उन्हें नहीं दी गई थी, जबकि आयोजकों ने बिना अनुमति के उनका नाम घोषित कर दिया। थरूर ने इसे “गैर-जिम्मेदाराना और गलत” बताया। इससे पहले, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता के. मुरलीधरन ने बयान दिया था कि शशि थरूर या कांग्रेस का कोई भी नेता वीर सावरकर के नाम पर सम्मान ग्रहण न करे। उन्होंने कहा कि सावरकर “अंग्रेजों के आगे झुके थे” और ऐसे सम्मान को स्वीकार करना “पार्टी की बदनामी” होगा। मुरलीधरन ने दावा किया था कि उन्हें भरोसा है—थरूर इस सम्मान को नहीं लेंगे।
“मैंने इस बारे में कल ही सुना”—थरूर
मुरलीधरन के बयान के तुरंत बाद दिल्ली में मीडिया से बात करते हुए थरूर ने कहा कि उन्हें इस सम्मान की जानकारी मंगलवार को पहली बार मिली, जब वह केरल में स्थानीय निकाय चुनाव में वोट डालने गए थे। उन्होंने साफ कहा—“मैं कार्यक्रम में नहीं जा रहा हूं। मुझे अवॉर्ड के बारे में किसी ने आधिकारिक तौर पर कुछ नहीं बताया।” बाद में ‘X’ पर भी उन्होंने लिखा—“जब तक अवॉर्ड के बारे में पूरी जानकारी न हो, उसे स्वीकार करने का कोई प्रश्न नहीं उठता। आयोजकों ने मेरी सहमति के बिना नाम घोषित कर गैर-जिम्मेदाराना काम किया है।” थरूर के विरोध के तुरंत बाद HRDS इंडिया के सचिव अजी कृष्णन ने दावा किया कि सांसद को पहले ही सूचित किया गया था। उन्होंने कहा कि जूरी चेयरमैन और HRDS प्रतिनिधि थरूर से उनके घर पर मिले थे और उन्हें सम्मान की पूरी जानकारी दी गई थी। कृष्णन के अनुसार—“थरूर ने अवॉर्ड पाने वालों की सूची भी मांगी थी, हमने दे दी थी। उन्होंने कार्यक्रम में नहीं आने की सूचना अभी तक हमें नहीं दी। शायद कांग्रेस ने इसे मुद्दा बनाया है, इसलिए वह पीछे हटे हैं।”
“यह उनका व्यक्तिगत निर्णय है”—केरल मंत्री
इस विवाद पर केरल के कानून मंत्री पी. राजीव ने कहा कि सम्मान स्वीकार करना या नहीं करना थरूर का निजी निर्णय है। उन्होंने कहा, “मुझे भी नहीं पता कि यह अवॉर्ड कौन दे रहा है। पहले मैं जानकारी जुटा लूं।” HRDS इंडिया द्वारा घोषित पहले ‘वीर सावरकर इंटरनेशनल इम्पैक्ट अवॉर्ड 2025’ में थरूर का नाम शामिल किया गया था, लेकिन अब उनके स्पष्ट इनकार के बाद राजनीतिक हलकों में नया विवाद खड़ा हो गया है।