उत्तराखंड डेस्क रिपोर्ट, उत्तराखंड में आगामी 2027 के चुनाव के लेकर सभी दल अपनी अपनी तैयारियों में जुटे हुए है। वही सबसे बड़े विपक्ष दल कांग्रेस ने भी प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल सहित कई वरिष्ठ नेताओ को चुनाव की तैयारी साथ ही संगठन को मजबूत करने का जिम्मा एक दिग्गज नेताओ के जिम्मे छोड़ दिया है.ऐसे में पहले से चर्चाओं में रहे डॉ हरक सिंह के दिए सिक्खो पर अभद्र बायना को लेकर कांग्रेस की परेशानी ओर बड़ा दी है.जिस पर अब उत्तराखंड कांग्रेस के बड़े नेताओं को कांग्रेस हाईकमान ने दिल्ली बुलाया है. प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल, हरीश रावत, हरक सिंह रावत, प्रीतम सिंह, यशपाल आर्य और करन महारा दिल्ली बुलाए गए हैं. मंगलवार पार्टी आलाकमान के साथ मीटिंग हुई. सूत्रों के मुताबिक, हरक सिंह प्रकरण पर बातचीत हुई है. उत्तराखंड कांग्रेस में चुनाव प्रबंधन समिति के अध्यक्ष हरक सिंह ने पिछले हफ्ते सिखों को लेकर विवादित टिप्पणी की थी. कहा जा रहा है कि ये कॉल इसी से कनेक्टेड हो सकती है. बीते शुक्रवार को कांग्रेस नेता हरक सिंह रावत ने देहरादून बार एसोसिएशन के प्रदर्शन में विवादित बयान दिया था. मौके पर ही सिख समुदाय के अधिवक्ताओं ने भारी नाराजगी जताई थी. हालांकि, कांग्रेस नेता ने तुरंत माफी भी मांग ली थी. कांग्रेस नेता ने कहा कि उनका मकसद किसी को ठेस पहुंचाना नहीं था. वरिष्ठ अधिवक्ताओं ने किसी तरह स्थिति को संभाला. हरक सिंह रावत ने अपने बिगड़े बोल का प्रायश्चित करने के लिए गुरुद्वारा पोंटा साहिब में हाजिरी भी लगाई.साथ ही पार्टी के वरिष्ठ नेता हरीश रावत ने भी हरक के विवादित बयान पर गुरुद्वारे में जा कर अपनी सेवा तक दी, उन्होंने अपने शब्दों के लिए गुरु ग्रंथ साहिब से माफी मांगी. जूता सेवा और लंगर रसोई में सेवा भी की.हरक के दिए विवादित बयान पर अब भाजपा को मौका मिल गया है.जिसको लेकर राजनीति एक बार प्रदेश में गरमा चुकी है.
बीते शुक्रवार को अधिवक्ताओं के धरने पर पहुंचे पूर्व कैबिनेट मंत्री और कांग्रेस नेता हरक सिंह रावत ने सिख वकील पर कथित तौर पर आपत्तिजनक टिप्पणी कर दी थी. हालांकि इसके बाद शाम को हरक सिंह बार एसोसिएशन कार्यालय में पहुंचे और भावनाएं आहत होने पर अपना पक्ष रखते हुए क्षमा मांगी. इसके बाद वहां मौजूद अधिवक्ताओं ने उन्हें माफ़ भी कर दिया था.विवाद बढ़ने के बाद रावत ने कहा कि सिख समाज ने हमेशा उत्तराखंड और देश के लिए कठिन से कठिन समय में आगे बढ़कर सेवा की है. अपनी कर्तव्यनिष्ठा से दुनिया का दिल जीता है. लेकिन इससे सिखों में गुस्सा कम नहीं हुआ. उत्तराखंड के कई हिस्सों में हरक सिंह रावत के पुतले जलाए गए. भाजपा का मानना है की कांग्रेस नेता का बयान सिखों के प्रति इनकी नफरत जाहिर करता है..सिक्ख समुदाय का गुस्सा अभी तक कम होने का नाम नहीं ले रहा है.कल भी हरक सिंह रावत के आवास पर बयान को लेकर बड़ी संख्या में सिक्ख समुदाय के लोग विरोध करते नजर आये
उत्तराखंड कांग्रेस के बड़े नेताओं को दिल्ली बुलाया गया है.हालांकि इस पूरे मामले को लेकर कांग्रेस अपनी चुप्पी साधे हुए है।लेकिन दिल्ली कांग्रेस हाईकमान के बुलावे का फरमान आते ही राजनीति में जरूर खलबली मच गई है,कांग्रेस इसको सिर्फ 2027 को लेकर चर्चा का बुलावा बता रही जिसको लेकर कांग्रेस हाईकमान ने इन शीर्ष नेताओ को तलब की किया है।जिसमे प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल, हरीश रावत, हरक सिंह रावत, प्रीतम सिंह, यशपाल आर्य और करन महारा को तुरंत दिल्ली आने को कहा गया है. इनकी पार्टी आलाकमान के साथ मीटिंग हुई. साथ ही सूत्रों की माने तो हरक सिंह प्रकरण पर बातचीत हुई है. हरक सिंह रावत उत्तराखंड कांग्रेस में चुनाव प्रबंधन समिति के अध्यक्ष हैं,वही भाजपा इस पूरे मामले को लेकर कांग्रेस और हरक पर हल्ला बोले हुए है.
कुल मिला कर हरक सिंह रावत के विवादित बयान पर सियासत जोरो पर है,जिसमें कांग्रेस बैकफुट पर दिखाई दे रही है ,और भाजपा को लम्बे समय से बयान बाजी कर रहे, हरक सिंह रावत को घेरने का मौका मिल गया है. दिल्ली आलाकमान से भी हरक को हिदायत दी गई है. की ऐसे विवादित बयानों से बचे ,वही सिखों में भी हरक के दिए बयान पर अभी सन्तुष्टि नहीं मिली है. यही वजह है. की कल तक भी उनके आवास पर अलग अलग प्रदेशों से आए सिख समुदाय के लोगों ने हरक के खिलाफ घंटों नारेबाजी और विरोध जताया,सवाल यही है, अगर ये मामला अभी भी नहीं सुलझा तो कही इसका खामियाजा पार्टी के नेताओं को आगामी चुनाव में न चुकाना पड़ जाएं।