KNEWS DESK- लोकसभा में वंदे मातरम् के 150 वर्ष पूरे होने पर आयोजित विशेष चर्चा के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रगीत के इतिहास, उसके महत्व और उसके साथ हुए “अन्याय” का उल्लेख करते हुए कांग्रेस और देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू पर सीधा हमला बोला। चर्चा का माहौल उस समय और भी गरम हो गया जब पीएम मोदी ने कहा कि वंदे मातरम् पर बीते समय में राजनीतिक दबावों के चलते बड़े समझौते किए गए।
पीएम मोदी ने अपने संबोधन की शुरुआत इस बात से की कि पूरे सदन के लिए यह सौभाग्य की बात है कि वे राष्ट्रगीत वंदे मातरम् के 150 वर्ष पूरा होने के अवसर के साक्षी बन रहे हैं। उन्होंने कहा कि “वंदे मातरम् के साथ पिछली सदी में अन्याय हुआ, विश्वासघात हुआ। इसे विवादों में घसीटा गया और टुकड़ों में बांट दिया गया।”
प्रधानमंत्री के अनुसार, वंदे मातरम् सिर्फ एक गीत नहीं बल्कि स्वतंत्रता आंदोलन की आत्मा था। जिस नारे ने देश को एकजुट किया, उसे राजनीतिक लाभ–हानि के हिसाब से कमजोर किया गया।
पीएम मोदी ने ऐतिहासिक संदर्भ देते हुए कहा कि 1937 में मुस्लिम लीग के नेता मोहम्मद अली जिन्ना ने वंदे मातरम् का कड़ा विरोध किया। उनके अनुसार जिन्ना के विरोध के बाद कांग्रेस नेतृत्व, विशेषकर जवाहरलाल नेहरू ने, कोई कड़ा रुख नहीं अपनाया। नेहरू ने 5 दिन बाद नेताजी सुभाष चंद्र बोस को चिट्ठी लिखकर जिन्ना के विरोध पर सहमति जताई। कुछ शब्दों पर मुस्लिम लीग को ऐतराज़ था, जिसके बाद कांग्रेस ने गीत को “काटने–छांटने” का निर्णय लिया।
प्रधानमंत्री ने आरोप लगाया कि “कांग्रेस ने मुस्लिम लीग के सामने घुटने टेक दिए और वंदे मातरम् के टुकड़े कर दिए।”