KNEWS DESK- एकादशी तिथि का हर व्रत भगवान विष्णु को समर्पित होता है, लेकिन पौष मास के कृष्ण पक्ष में आने वाली सफला एकादशी विशेष रूप से मनोकामनाओं की सिद्धि और सफलता प्रदान करने वाली मानी गई है। शास्त्रों के अनुसार, इस दिन की गई पूजा-विधि और आध्यात्मिक उपाय भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की कृपा को आकर्षित करते हैं, जिससे जीवन में धन, सौभाग्य और उन्नति के मार्ग खुलते हैं।
यह व्रत नकारात्मकता को दूर कर मनुष्य के जीवन में नई ऊर्जा, धन आगमन के अवसर, स्थिरता और कार्य सिद्धि लेकर आता है। आइए जानें इस पावन एकादशी के मुख्य उपाय और उनके प्रभाव—
गन्ने के रस से भगवान विष्णु का अभिषेक
उपाय: स्नान-ध्यान के बाद भगवान लक्ष्मीनारायण की विधि-विधान से पूजा करें और गन्ने के रस से अभिषेक करें।
लाभ:ज्योतिष मान्यताओं के अनुसार यह उपाय कुंडली में बुध ग्रह को मजबूत करता है। इससे— व्यापार में वृद्धि, नौकरी में तरक्की और आर्थिक स्थिति में सुधार के योग बनते हैं।
एकाक्षी नारियल और हल्दी का संयोजन
उपाय:
- भगवान विष्णु को एकाक्षी नारियल अर्पित करें।
- हल्दी की गांठ, चने की दाल और गुड़ भी चढ़ाएं।
- पूजा के बाद एकाक्षी नारियल और हल्दी को लाल कपड़े में बांधकर तिजोरी या धन के स्थान पर रखें।
लाभ:
यह उपाय माता लक्ष्मी को अत्यंत प्रिय माना गया है। इससे स्थायी धन लाभ और घर में समृद्धि प्रकट होती है।
पीपल वृक्ष की पूजा और दीपदान
उपाय:
- सुबह पीपल के पेड़ की जड़ में दूध और जल मिलाकर चढ़ाएं।
- शाम को पीपल के नीचे सरसों के तेल का दीपक जलाएं।
- 11 बार परिक्रमा करें।
लाभ: यह उपाय—पितृ दोष, कालसर्प दोष से मुक्ति दिलाता है और जीवन की बाधाओं को दूर करता है। साथ ही धन लाभ के नए अवसर भी बनते हैं।
दक्षिणावर्ती शंख से अभिषेक
उपाय:
- दक्षिणावर्ती शंख को पीतल के पात्र में रखें।
- उसमें गंगाजल और केसर मिलाकर भगवान विष्णु का अभिषेक करें।
- बाद में शंख को पूजा स्थल पर रख दें।
लाभ:
यह अत्यंत शुभ माना गया उपाय है। इससे मनोकामनाएं पूरी होती हैं और सभी क्षेत्रों में सफलता प्राप्त होती है।
तुलसी दल का विशेष प्रयोग
उपाय:
- 7 या 21 तुलसी दल लें।
- उन पर हल्दी लगाकर भगवान विष्णु को अर्पित करें।
- बाद में इन तुलसी दलों को अपने पर्स या तिजोरी में रखें।
लाभ: तुलसी भगवान विष्णु को अत्यंत प्रिय है। यह उपाय घर में सुख-शांति, धन-धान्य और सकारात्मक ऊर्जा
को बढ़ाता है।
सफला एकादशी पर दान का महत्व
दान इस व्रत का अनिवार्य अंग माना गया है।
- अन्न दान: गरीबों को चावल, दाल, गेहूं देने से अन्न की कभी कमी नहीं होती।
- गर्म कपड़ों का दान: पौष माह में विशेष पुण्य प्राप्त होता है।
- फलों का दान: भगवान को अर्पित फल जरूरतमंदों को देना शुभ परिणाम देता है।
सफला एकादशी न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि जीवन में सफलता, सौभाग्य और स्थायी समृद्धि लाने का श्रेष्ठ अवसर भी है। नियमों का पालन, श्रद्धा और दान ये तीन तत्व इस व्रत को पूर्ण फलदायी बनाते हैं।