शिव शंकर सविता- उत्तर प्रदेश की पारंपरिक संस्कृति और खान-पान को नई पहचान देने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक नई पहल की शुरुआत की है। शुक्रवार को ‘वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रॉडक्ट’ (ODOP) योजना की समीक्षा बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने ‘वन डिस्ट्रिक्ट वन कुज़ीन’ (ODOC) योजना लागू करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि यह योजना प्रदेश की सांस्कृतिक आत्मा को विश्व स्तर पर पहुंचाने की दिशा में अहम भूमिका निभाएगी, क्योंकि हर जिले की अपनी अनोखी भोजन परंपरा है। कहीं हलवे का स्वाद मशहूर है, तो कहीं दालमोठ और अन्य व्यंजन। योगी ने कहा कि ODOP ने प्रदेश में रोजगार और स्थानीय उद्योगों को मजबूती दी है। अब इसका दूसरा चरण और अधिक विस्तार व आधुनिकता की मांग करता है। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि बदलते वैश्विक बाजार, बढ़ती तकनीकी जरूरतों और ग्राहकों की आधुनिक पसंद के अनुरूप ODOP को और पेशेवर रूप दिया जाए। पैकेजिंग, गुणवत्ता, डिजाइन और ब्रांडिंग के आधार पर पारंपरिक उत्पादों को राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय बाजारों तक पहुंचाने की आवश्यकता है, ताकि ये उत्पाद स्थायी रोजगार और बड़े निर्यात का आधार बन सकें।
50 प्रतिशत से अधिक रहा योगदान
समीक्षा बैठक में बताया गया कि ODOP के अंतर्गत अब तक 30 कॉमन फैसिलिटी सेंटर स्थापित किए जा चुके हैं। इन केंद्रों ने छोटे उद्योगों को महत्वपूर्ण तकनीकी और उत्पादन सुविधा उपलब्ध कराई है। प्रदेश के कुल निर्यात में ODOP उत्पादों का योगदान 50% से अधिक हो चुका है, जो इस योजना की सफलता को दर्शाता है। साथ ही 44 उत्पादों को जियोटैग भी किया जा चुका है, जिससे उन्हें अंतरराष्ट्रीय पहचान मिलने का रास्ता खुला है।
कॉमन फैसिलिटी सेंटरों को और अधिक उपयोगी बनाने के निर्देश
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि कॉमन फैसिलिटी सेंटरों को और अधिक उपयोगी बनाया जाए। उन्होंने कहा कि केंद्रों में विशेषज्ञों की सेवाएं अवश्य उपलब्ध हों, ताकि छोटे और मध्यम स्तर के उद्यमियों को डिजाइन, पैकेजिंग, क्वालिटी अपग्रेडेशन और उत्पादन संबंधी प्रामाणिक मार्गदर्शन एक ही स्थान पर मिल सके। इससे नए उद्यमियों को प्रोत्साहन मिलेगा और प्रतिस्पर्धी बाजार में प्रदेश के पारंपरिक उत्पाद मजबूत उपस्थिति दर्ज कर सकेंगे।