डिजिटल डेस्क- भारत में कैंसर तेजी से एक गंभीर स्वास्थ्य संकट का रूप लेता जा रहा है। लोकसभा में पेश ताज़ा सरकारी आंकड़े इस स्थिति की भयावहता को साफ दिखाते हैं। अंतरराष्ट्रीय कैंसर अनुसंधान एजेंसी, ग्लोबल कैंसर ऑब्ज़र्वेटरी (IARC) के नवीनतम अनुमान के अनुसार, भारत में कैंसर के कुल मामलों की संख्या 14 लाख 13 हजार से अधिक पहुंच चुकी है। यह आंकड़ा भारत को विश्व में कैंसर मामलों की संख्या के लिहाज़ से तीसरे स्थान पर लाकर खड़ा करता है। चीन और अमेरिका इसके पहले दो स्थानों पर हैं। संसद में केंद्र सरकार की ओर से पेश किए गए आंकड़ों में यह भी सामने आया है कि सिर्फ पांच वर्षों में ही भारत में कैंसर मरीजों की संख्या में दस प्रतिशत से अधिक की वृद्धि हुई है। वर्ष 2020 में जहां देश में लगभग 13.92 लाख कैंसर के मामले थे, वहीं 2024 तक यह संख्या बढ़कर 15.33 लाख तक पहुंच गई। हर साल लाखों नए मरीजों का सामने आना इस बीमारी के फैलते दायरे और बढ़ते खतरे को स्पष्ट करता है।
छोटे केंद्र शासित प्रदेशों में देखी गयी ज्यादा तेजी
राज्यवार विश्लेषण में यह तथ्य सामने आया है कि देश के छोटे केंद्र शासित प्रदेशों में कैंसर मामलों की वृद्धि सबसे तेज़ देखी गई है। दमन में कैंसर रोगियों की संख्या में करीब 40 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की गई, जबकि दादरा एवं नगर हवेली, सिक्किम, लक्षद्वीप और मणिपुर में भी वृद्धि की दर काफी अधिक रही। दिल्ली, हरियाणा, झारखंड, मध्य प्रदेश और कर्नाटक जैसे बड़े राज्यों में भी दस प्रतिशत से अधिक की वृद्धि ने चिंता बढ़ा दी है। भारत के उन राज्यों में जहां जनसंख्या अधिक है, कैंसर का बोझ और भी भारी होता नजर आ रहा है।
यूरी में दर्ज हुए 2.21 लाख से ज्यादा मरीज
उत्तर प्रदेश में 2.21 लाख से अधिक मरीज दर्ज किए गए हैं, जबकि महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल और बिहार में भी यह संख्या एक लाख से ऊपर है। इनमें वृद्धि की दर भले ही कम दिखाई देती हो, लेकिन कुल मरीजों की भारी संख्या स्वास्थ्य ढांचे पर बड़े दबाव की चेतावनी दे रही है। विशेषज्ञों का मानना है कि भारत में कैंसर मामलों की इस तेजी से बढ़ोतरी के पीछे कई कारक जिम्मेदार हैं। जीवनशैली में बदलाव, तंबाकू और शराब का बढ़ता उपयोग, प्रदूषण, बढ़ती उम्र वाली आबादी और बीमारियों की बेहतर पहचान प्रमुख कारणों में शामिल हैं। शहरी क्षेत्रों में वायु प्रदूषण भी एक बड़ी चुनौती बनकर उभर रहा है, जो फेफड़ों और अन्य प्रकार के कैंसर को बढ़ावा दे रहा है।