मेरठः पुलिस की शर्मनाक हरकत, जांच से बचने के लिए युवक का शव दूसरे थाना क्षेत्र में फेंका, CCTV फुटेज से खुली पोल

डिजिटल डेस्क- मेरठ पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े करने वाला एक गंभीर मामला सामने आया है। नौचंदी थाना क्षेत्र में सड़क किनारे मिले एक अज्ञात युवक के शव को पुलिसकर्मियों ने अपनी जिम्मेदारी से बचने के लिए आधा किलोमीटर दूर दूसरे थाना क्षेत्र में फेंक दिया। यह पूरी घटना पास में लगे सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गई, जिसके सामने आने के बाद पुलिस विभाग में हड़कंप मच गया है। जानकारी के अनुसार, गुरुवार रात करीब 1:40 बजे नौचंदी थाना क्षेत्र के एल ब्लॉक में एक युवक का शव पड़ा मिला। नियमों के तहत मौके पर पहुंचकर पंचनामा भरना, फोटो-वीडियो लेना और शव को सुरक्षित उठाकर पोस्टमार्टम के लिए भेजना पुलिस की जिम्मेदारी थी। लेकिन ड्यूटी पर तैनात सिपाही राजेश और होमगार्ड रोहताश ने इस प्रक्रिया से बचने के लिए शर्मनाक तरीका अपनाया। दोनों ने शव को एक ई-रिक्शा में लादा और करीब 500 मीटर दूर स्थित लोहियानगर थाना क्षेत्र में एक स्टेशनरी दुकान के बाहर फेंक दिया।

सुबह दुकान खोलने पहुंचे दुकानदार ने देखी लापरवाही की चरम हद

सुबह जब दुकानदार रोनित बैंसला अपनी दुकान खोलने पहुंचे, तो बाहर पड़े शव को देखकर घबरा गए। उन्होंने तुरंत पुलिस को सूचना दी। लोहियानगर पुलिस मौके पर पहुंची और आसपास लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगाली। वीडियो देखकर अधिकारियों के होश उड़ गए, क्योंकि फुटेज में स्पष्ट रूप से दिख रहा था कि वर्दीधारी पुलिसकर्मी ही शव को वहां डालकर फरार हो रहे हैं। मामला और भी चौंकाने वाला तब हो गया जब पता चला कि नौचंदी और लोहियानगर थाने के प्रभारी दिनभर शव को लेकर सीमा विवाद में ही उलझे रहे। न किसी ने घटना की गंभीरता समझी, न ही समय पर पंचनामा भरने की जहमत उठाई। दुकानदार ने जब मामले की शिकायत सीधे एसएसपी डॉ. विपिन ताडा तक पहुँचाई, तब जाकर पुलिस महकमा सक्रिय हुआ।

SSP की कड़ी कार्रवाई—दो पुलिसकर्मी सस्पेंड, होमगार्ड की सेवा खत्म

एसएसपी ने तुरंत एक्शन लेते हुए शास्त्रीनगर एल-ब्लॉक चौकी प्रभारी जितेंद्र कुमार और बीट सिपाही राजेश को निलंबित कर दिया। साथ ही होमगार्ड रोहताश की सेवा समाप्त करने के लिए कमांडेंट को पत्र भेज दिया गया। इसके अलावा नौचंदी और लोहियानगर, दोनों थानों के प्रभारियों की लापरवाही की जांच के आदेश जारी किए गए हैं। एसपी सिटी आयुष विक्रम सिंह को तीन दिन में रिपोर्ट जमा करने के निर्देश दिए गए हैं।

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