डिजिटल डेस्क- रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के भारत दौरे के दूसरे दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पुतिन ने शुक्रवार को संयुक्त प्रेस वार्ता की। दोनों नेताओं ने 23वें भारत-रूस द्विपक्षीय शिखर सम्मेलन के तहत कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की और दोनों देशों की साझेदारी को नई ऊंचाई पर ले जाने के लिए प्रमुख निर्णयों की घोषणा की। प्रधानमंत्री मोदी ने शुरुआत में पुतिन का स्वागत करते हुए कहा कि भारत और रूस की स्ट्रेटेजिक पार्टनरशिप को 25 वर्ष पहले पुतिन ने मजबूत नींव दी थी। उन्होंने कहा कि आठ दशकों की वैश्विक उठापटक के बीच भारत-रूस की मित्रता एक गाइडिंग स्टार की तरह स्थिर रही है और हर स्थिति में समय की कसौटी पर खरी उतरी है।
आर्थिक साझेदारी को मिलेगी नई ऊर्जा
मोदी ने बताया कि दोनों देशों ने अर्थव्यवस्था के रणनीतिक क्षेत्रों में सहयोग मजबूत करने का रोडमैप तय किया है। श्रम-संचार क्षेत्र में समझौते पर हस्ताक्षर के अलावा दोनों नेता इंडिया-रूस बिजनेस फोरम में भी शामिल होंगे, जो द्विपक्षीय व्यापार, को-प्रोडक्शन और को-इनोवेशन को नई दिशा देगा। मोदी ने यह भी घोषणा की कि भारत जल्द ही रूसी नागरिकों के लिए निःशुल्क 30-डे E-Tourist Visa और 30-डे Group Tourist Visa शुरू करेगा।
आतंकी हमलों पर दो टूक—“इनकी जड़ एक ही”
पहलगाम आतंकी हमले और रूस के क्रोकस सिटी हॉल हमले का जिक्र करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि आतंकवाद मानवता पर सीधा प्रहार है। उन्होंने कहा, पहलगाम हमला हो या क्रोकस सिटी हॉल पर कायराना हमला—इन सभी घटनाओं की जड़ एक ही है।”मोदी ने जोर देकर कहा कि भारत-रूस आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में वर्षों से साथ खड़े हैं और वैश्विक एकता ही इस खतरे का सबसे बड़ा समाधान है। मोदी ने प्रेस मीट में स्पष्ट किया कि भारत यूक्रेन संघर्ष पर तटस्थ नहीं है। उन्होंने कहा,
“हम हमेशा शांति के पक्षधर रहे हैं। हम किसी भी शांति प्रयास में योगदान देने को तैयार हैं। मोदी ने पुतिन को याद दिलाया कि युद्ध शुरू होने के बाद से दोनों लगातार बातचीत करते रहे हैं और भारत समाधान खोजने के लिए रचनात्मक भूमिका निभाता रहेगा। दोनों देशों ने सहमति जताई कि भारतीय नाविकों (Seafarers) को Polar Waters में ट्रेनिंग दी जाएगी। इससे न केवल आर्कटिक क्षेत्र में भारत-रूस का सहयोग मजबूत होगा बल्कि भारतीय युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे।