डिजिटल डेस्क- गुजरात में वोटर लिस्ट के विशेष गहन पुनरीक्षण अभियान ने राज्य में मतदाता सूची की गंभीर खामियों को उजागर किया है। बिहार के बाद अब गुजरात में भी एसआईआर की प्रक्रिया पूरी मजबूती से चल रही है, जिसके दौरान यह सामने आया कि मौजूदा वोटर सूची में 17 लाख से अधिक मृत मतदाताओं के नाम अभी भी शामिल हैं। राज्य के मुख्य चुनाव अधिकारी (CEO) कार्यालय ने इन आंकड़ों की आधिकारिक पुष्टि की है। एसआईआर प्रक्रिया का आरंभ 4 नवंबर को हुआ, जब बूथ लेवल ऑफिसर्स (BLOs) ने अपने-अपने क्षेत्रों में एन्यूमरेशन फॉर्म बांटने शुरू किए। यह अभियान 11 दिसंबर तक चलेगा। इस दौरान राज्यभर में 5 करोड़ से अधिक पंजीकृत मतदाताओं को फॉर्म वितरित किए गए। चुनाव आयोग की रिपोर्ट के अनुसार, गुजरात के 33 में से अधिकांश जिलों में 100% फॉर्म वितरण का काम पूरा कर लिया गया है।
12 विधानसभा क्षेत्रों में डिजिटाइजेशन पूरा
वोटरों द्वारा भरे गए फॉर्मों के डिजिटाइजेशन का काम भी तेजी से आगे बढ़ रहा है। अब तक कुल 182 विधानसभा सीटों में से 12 सीटों पर यह प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। इनमें बनासकांठा जिले के धनेरा और थराद, दाहोद जिले के लिमखेड़ा और दाहोद (ST), अरावली जिले का बायड, राजकोट का धोराजी, जसदन और गोंडल, आनंद जिले का खंभात, जूनागढ़ का केशोद, नवसारी का जलालपोर और खेड़ा का मेहमदाबाद शामिल हैं।
डांग जिला सबसे आगे
एसआईआर प्रक्रिया में डांग जिला सबसे अधिक प्रगति कर चुका है, जहां वापस आए फॉर्मों में से 94.35% का डिजिटाइजेशन पूरा हो चुका है। यह राज्य में चल रहे इस बड़े अभियान के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि मानी जा रही है। एसआईआर के दौरान सामने आए आंकड़े वोटर लिस्ट की सफाई में बड़ी चुनौती का संकेत देते हैं। 17 लाख मृत मतदाता सूची में दर्ज मिले। 6.14 लाख मतदाता अपने पते पर नहीं मिले। 30 लाख से अधिक मतदाता स्थायी रूप से दूसरे स्थानों पर माइग्रेट कर चुके हैं। 3.25 लाख मतदाताओं के नाम रिपीटेड कैटेगरी में मिले, यानी उनके एक से ज्यादा वोटर कार्ड पाए गए।