डिजिटल डेस्क- देशभर में लोको पायलटों के आंदोलन ने आज से नया रूप ले लिया है। ऑल इंडिया लोको रनिंग स्टाफ एसोसिएशन (AILRSA) की ओर से बुलाए गए विरोध कार्यक्रम के तहत सभी लोको पायलट 48 घंटे के उपवास पर रहेंगे। देहरादून के करीब 70 लोको पायलट भी इस सामूहिक उपवास में हिस्सा ले रहे हैं। हालांकि यात्रियों के लिए राहत की बात यह है कि ट्रेनों के संचालन पर इसका कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा और सभी ट्रेनें सामान्य रूप से चलेंगी। रेलवे सूत्रों के अनुसार, उपवास के दौरान रनिंग रूम में खाना नहीं पकाया जाएगा, लेकिन लोको पायलट अपनी-अपनी निर्धारित ड्यूटी करते रहेंगे। यानी विरोध सिर्फ भोजन छोड़कर शांतिपूर्ण तरीके से दर्ज कराया जाएगा, जिससे यात्रियों को किसी प्रकार की असुविधा न हो।
क्यों कर रहे हैं लोको पायलट उपवास?
AILRSA के देहरादून शाखाध्यक्ष ने बताया कि लोको पायलट कई महत्वपूर्ण मांगों को लेकर वर्षों से आवाज उठा रहे हैं, लेकिन अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। मुख्य मांगों में शामिल हैं—
- किलोमीटर भत्ता (KMA) में संशोधन
- नियमित भर्ती कर स्टाफ की भारी कमी दूर करना
- लोकोमोटिव में शौचालय की व्यवस्था
- ड्यूटी के बीच पूरा रेस्ट देने के लिए नियम लागू करना
शाखाध्यक्ष ने आगे बताया कि स्टाफ की कमी के कारण लोको पायलट लगातार अत्यधिक समय तक ड्यूटी करने को मजबूर हैं। इससे उनकी मानसिक और शारीरिक थकान बढ़ रही है, जो ट्रेन सुरक्षा के लिए भी खतरा बन सकती है। उन्होंने कहा कि अब रनिंग स्टाफ में महिला पायलटों की संख्या बढ़ रही है, लेकिन इंजनों में शौचालय न होना उनके लिए बड़ी समस्या बन गया है।
कई बार ज्ञापन देने के बाद भी कार्रवाई नहीं
लोको पायलटों का कहना है कि विभागीय अधिकारियों को बार-बार ज्ञापन दिया गया, मीटिंग की गई, लेकिन कोई ठोस फैसला नहीं लिया गया। मजबूरन अब उन्हें उपवास जैसे प्रतीकात्मक विरोध का रास्ता अपनाना पड़ा है। इसके बावजूद सभी लोको पायलट अपनी ड्यूटी निभा रहे हैं, ताकि किसी यात्री को परेशानी न हो।