अश्विन का बड़ा बयान, भारत की सफेद गेंद क्रांति गंभीर नहीं, रोहित–द्रविड़ के दौर से शुरू हुई

KNEWS DESK- भारत के पूर्व ऑफ-स्पिनर रविचंद्रन अश्विन ने सफेद गेंद क्रिकेट में टीम इंडिया की मौजूदा आक्रामक पहचान को लेकर बड़ा बयान दिया है। अश्विन का मानना है कि भारत की व्हाइट-बॉल टीम जिस दमदार स्टाइल और आत्मविश्वास के साथ आज दुनिया पर असर छोड़ रही है, उसकी जड़ें गौतम गंभीर के साथ हालिया कोचिंग चरण में नहीं, बल्कि रोहित शर्मा और राहुल द्रविड़ के नेतृत्व में रखे गए विज़न में हैं।

यह टिप्पणी गंभीर के उस बयान के बाद सामने आई है जिसमें उन्होंने कहा था कि भले ही साउथ अफ्रीका के खिलाफ भारत की टेस्ट सीरीज हार (0–2) हुई हो, पर बीसीसीआई को व्हाइट-बॉल क्रिकेट में उनकी उपलब्धियां याद रखनी चाहिए। गंभीर की कोचिंग में भारत ने 2025 चैंपियंस ट्रॉफी और एशिया कप टी20 2025 जीता था।

अश्विन ने बिना गंभीर का नाम लिए कहा कि भारत की मौजूदा तेज और आक्रामक बल्लेबाजी का आधार उस विजन में है, जिसे रोहित शर्मा और राहुल द्रविड़ ने मिलकर तैयार किया। उन्होंने कहा कि “टी20 और वनडे में भारत की तेज रफ्तार बल्लेबाजी की जो पहचान बनी, उसका श्रेय रोहित और राहुल भाई को जाता है। उन्होंने सिर्फ बात नहीं की, बल्कि मैदान पर वैसा खेलकर टीम को दिखाया।” अश्विन के अनुसार सफेद गेंद क्रिकेट अब स्ट्राइक रेट का खेल है और भारत ने इस बदलाव को दिल से अपनाया है।

अश्विन ने उदाहरण देते हुए बताया कि रोहित शर्मा ने बदलती मानसिकता को सिर्फ अपनाया नहीं, बल्कि उसे अपनी बल्लेबाजी में उतार दिया। टी20 विश्व कप 2024 में रोहित का स्ट्राइक रेट 156+ रहा। सेंट लूसिया में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 41 गेंदों में 92 रन, इंग्लैंड सेमीफाइनल में मुश्किल विकेट पर 57 रन ये पारियां सिर्फ रन नहीं थीं बल्कि “पहले ओवर से दबाव बनाओ” वाली नई कहानी की शुरुआत थीं।

अश्विन ने कहा कि सफेद गेंद की नई सोच का सबसे ताज़ा असर अभिषेक शर्मा की बल्लेबाजी में दिखता है। 2025 एशिया कप टी20 में औसत 44.85, स्ट्राइक रेट 200, कुल रन 314। अभिषेक ने बॉलर्स के नाम नहीं देखे—सिर्फ शॉट खेलने की जगह देखी। पहले 12 गेंदों में अटैक करना, फील्ड को बैकफुट पर धकेलना—यह सब रोहित की 2024 वाली टेंपलेट से मेल खाता है। अश्विन के मुताबिक “सबसे बड़ी जीत तब होती है जब सोच खिलाड़ियों से आगे बढ़ जाती है।”

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