KNEWS DESK- संसद का शीतकालीन सत्र आज (2 दिसंबर) दूसरे दिन में प्रवेश कर गया है, लेकिन पहले दिन जैसी ही स्थिति दोबारा सामने आने की संभावना है। मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) को लेकर विपक्ष अपनी चर्चा की मांग पर अड़ा हुआ है और इसी मुद्दे पर आज भी संसद के बाहर और भीतर हलचल तेज रहने की पूरी उम्मीद है।
सत्र के पहले दिन विपक्षी सांसदों ने SIR को लेकर चुनावी धोखाधड़ी के आरोपों के साथ जोरदार हंगामा किया। सदन में बार-बार “वोट चोर, गद्दी छोड़” के नारे लगे, जिसके चलते कार्यवाही बाधित रही। इसके बाद आज सुबह 10.30 बजे विपक्षी सांसद संसद भवन के मकर द्वार के सामने विरोध प्रदर्शन करने पहुंचे। विपक्ष की मांग साफ है—SIR पर सदन में विस्तृत चर्चा हो।
विपक्षी दलों का आरोप है कि SIR के नाम पर मतदाता सूचियों में छेड़छाड़ की जा रही है। समाजवादी पार्टी के सांसद अखिलेश यादव ने इस प्रक्रिया को “वोट कम करने की रणनीति” बताया। उनके अनुसार, चुनाव आयोग की भूमिका अधिक से अधिक वोट जोड़ने की होती है, लेकिन दबाव में ऐसा कदम उठाया जा रहा है जिससे वोट कटने का खतरा बढ़ रहा है।
कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा ने केंद्र सरकार पर सदन से “सार्थक चर्चा से भागने” का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि “सरकार किसी भी मुद्दे पर चर्चा नहीं चाहती। फिर सदन कैसे चलेगा? अगर SIR पर नहीं तो चुनाव सुधार या उससे जुड़े किसी भी मुद्दे पर तो चर्चा हो सकती है। लेकिन अगर सरकार हर मुद्दे पर चुप्पी साधे रहे तो संसद चलना मुश्किल है।”
विपक्ष के आरोपों पर सरकार का कहना है कि वह किसी भी मुद्दे पर चर्चा के लिए तैयार है, लेकिन समय सीमा तय करना संभव नहीं। संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि “विपक्ष की मांग को खारिज नहीं किया गया है। SIR या चुनाव सुधारों पर चर्चा से सरकार पीछे नहीं हट रही, लेकिन यह कहना कि चर्चा आज ही हो—यह कठिन होता है। थोड़ा समय देना होगा।”