उत्तराखंड डेस्क रिपोर्ट, उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के साढ़े चार सालों के कार्यकाल में युवाओं को सबसे बड़ा लाभ देने का दावा किया गया है. धामी सरकार की इस अवधि में 26 हजार युवाओं का चयन सरकारी सेवाओं में हो चुका है. चार जुलाई 2021 को कार्यभार संभालने के बाद धामी सरकार ने युवाओं के रोजगार और कौशल विकास पर विशेष ध्यान देने की बात कही गई है. उन्होंने कहा लोक सेवा आयोग और अन्य चयन संस्थाओं के जरिए हजारों युवाओं को स्थायी नौकरी मिली है. उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अपनी साढ़े चार सालों के दौरान करीब साढ़े 26 हजार युवाओं को सरकारी नौकरी दिए जाने का दावा किया है। वही मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि उत्तराखंड में देश का सबसे कठोर नकल विरोध कानून लागू होने के बाद एक भी भर्ती परीक्षा पेपर लीक नहीं होने का दावा किया है। इससे भर्तियों में पारदर्शिता लाई जाने की बात कही गई है. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने जुलाई 2021 को कार्यभार ग्रहण करने के बाद उन्होंने युवाओं को रोजगार और स्किल प्रदान करने पर विशेष तौर पर फोकस किया है। इस दौरान लोक सेवा आयोग, उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग, चिकित्सा सेवा चयन आयोग के जरिए 26 हजार से अधिक युवाओं को सरकारी सेवाओं में स्थायी रोजगार दिया जा चुका है।सरकार का दावा है. उत्तराखंड लोकसेवा आयोग, अधीनस्थ सेवा चयन बोर्ड के स्तर पर अभी कई विभागों की भर्ती प्रक्रिया अभी जारी है। कुछ मामलों में जल्द ही अंतिम चयन संस्तुति की जाने वाली है. इस कारण कुल स्थायी नौकरियों का यह आंकड़ा अभी और बढ़ने वाला है। इसके साथ ही मुख्यमंत्री कौशल उन्नयन एवं वैश्विक रोजगार योजना के तहत अब तक 154 युवाओं को प्रशिक्षण प्रदान किया जा चुका है. जिसमें से 37 को जापान में रोजगार प्रदान किया जा चुका है। सरकार युवाओं के लिए शिक्षा, कौशल के जरिए रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने का प्रयास कर रही है। हमारा प्रयास है कि उत्तराखंड का पानी और जवानी यहां के काम आए। युवा पलायन करने के बजाय रोजगार प्रदान करने वाले बने। वही सरकार के इस दावे को विपक्षी दलों ने नाकारा है.विपक्ष का मानना है.सरकार सरकारी नौकरी के नाम से युवाओं भ्रमित करने का काम कर रही है.और जिसका कोई आकड़ा सरकार के पास है ही नहीं।
राज्य में पिछले साढ़े चार सालों के दौरान करीब साढ़े 26 हजार से अधिक युवाओं को पारदर्शी प्रक्रिया के जरिए सरकारी सेवा में अवसर दिया गया हैं, जो राज्य के गठन के बाद पिछली सरकारों के कार्यकाल की तुलना में दोगुने से भी अधिक हैं. उत्तराखंड लोक सेवा आयोग द्वारा अर्थ एवं संख्या, कृषि एवं उद्यान और महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास विभाग में 178 अभ्यर्थियों का चयन हुआ है. सभी चयनित अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र दिए जाने को लेकर एक कार्यक्रम आयोजित किया गया, जहां मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सभी 178 चयनित अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र सौंपा, जिसमें अर्थ एवं संख्या विभाग के 117, कृषि विभाग के 12 उद्यान विभाग के 30 और महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास विभाग के 19 अभ्यर्थी शामिल है. इस मौके पर सीएम धामी ने नवनियुक्त अभ्यर्थियों को बधाई देते कहा कि सभी ईमानदारी, निष्ठा और समर्पण के साथ दायित्वों का निर्वहन कर उत्तराखंड को विकसित, आत्मनिर्भर और देश के अग्रणी राज्यों में शामिल करने के संकल्प को साकार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे. वही सरकार के इस दावे को विपक्षी दलों ने नाकारा है.विपक्ष का मानना है.सरकार सरकारी नौकरी के नाम से युवाओ भर्मित करने का काम कर रही है.और जिसका कोई आकड़ा सरकार के पास है ही नहीं।
वही धामी सरकार के साढ़े चार सालों में 26 हजार युवाओं को सरकारी नौकरी दिए जाने का दावा किया जा रहा है. तो मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस की मानें तो सरकार ने अगर वाकई में छब्बीस हजार सरकारी नौकरियां दी है. तो मुख्यमंत्री धामी अपॉइंटमेंट लेटर लाभार्थियों को न देते. ऐसा तभी होता है जब आपके पास बड़ा आंकड़ा नहीं होता छोटे-मोटे आंकड़े पर लोगों को गुमराह किया जाता रहा है. अगर वास्तव में छब्बीस हजार लोगों को सरकारी नौकरियां दी है. तो सरकार को एक श्वेत पत्र दे कर लिस्ट जारी कर देनी चाहिए। जिससे विपक्ष और सभी लोग भी देख लें कि उन छब्बीस हजार लोगों को क्या नौकरियां मिली है।अगर सरकार की माने भी तो ज्यादा से ज्यादा पांच से 10 हजार नौकरियों अभी तक दी होगी लेकिन सरकार बड़े बड़े दावे कर युवाओ को भर्मित करने का काम रही है.वही भाजपा के विधायक विनोद चमोली का दावा है.की भाजपा सरकार में विधानसभा में ये पूरा आकड़ा भी दिया गया है.अगर किसी को संचय है.तो विधानसभा या आर टी आई के माध्यम से जानकारी उपलब्ध कर सकता है.की हमने अब तक कितनी नौकरी और रोजगार दिया है.सिर्फ सरकारी नौकरी ही नहीं रोजगार है. बल्कि सरकारी नौकरी रोजगार का साधन है.हमारी सरकार हर सरकारी व गैर सरकारी कामो के माध्यम से आम जनता को रोजगार उपलब्ध करने का काम कर रही है.
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रदेश में सरकारी विभागों में रिक्त पड़े सभी पदों को भरने का फैसला किया है. चार वर्ष के कार्यकाल में सीएम धामी लोक सेवा आयोग, उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग, चिकित्सा सेवा चयन आयोग की भर्तियों के माध्यम से 26 हजार युवाओं को सरकारी नौकरी दे चुके हैं.धामी सरकार का दावा है राज्य बनाने के बाद से 2021 तक 16 हजार सरकारी नियुक्तियां ही दी गई थी, लेकिन धामी के आने के बाद उसका भी रिकॉर्ड टूट गया है.एक तरफ सरकार बम्पर नौकरियों देने का दावा कर रही है.तो वही सभी विपक्षी दल अब सरकार से ये ही सवाल पूछ रहे है.अगर इतनी बड़ी संख्या में सरकारी नौकरियां सरकार ने दी भी है.तो आए दिन युवा बेरोजगार सड़को पर क्यों विरोध करते नजर आ रहे है.ऐसे में सरकार को आकड़ो को भी प्रस्तुत कर देना चाहिए की किस विभाग में कितने युवाओ को सरकार ने नौकरिया दी है.