विश्व एड्स दिवस पर एटा में निकली जागरूकता रैली, स्वास्थ्य विभाग ने दिया सुरक्षित जीवनशैली का संदेश

डिजिटल डेस्क- विश्व एड्स दिवस के अवसर पर सोमवार को जनपद एटा में जागरूकता रैली का आयोजन किया गया। कलेक्ट्रेट परिसर से निकाली गई इस रैली को मुख्य विकास अधिकारी नागेंद्र नारायण मिश्र एवं मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. राजेंद्र प्रसाद ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। रैली में स्वास्थ्य विभाग की टीम, आशा एवं आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं सहित बड़ी संख्या में प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया। इसका मुख्य उद्देश्य आमजन को एचआईवी/एड्स के संक्रमण, उससे जुड़े मिथकों तथा बचाव उपायों के प्रति सचेत करना था। रैली कलेक्ट्रेट से शुरू होकर कचहरी चौराहा, जीटी रोड होते हुए जिला अस्पताल परिसर तक पहुंची। इस दौरान आशा कार्यकर्ताओं ने “एड्स से लड़ना है, जागरूकता बढ़ाना है”, “संक्रमण से बचाव ही सुरक्षा” और “जांच कराएं, जागरूक बनें” जैसे नारों के माध्यम से लोगों को संदेश दिया। रास्ते में कई स्थानों पर राहगीरों ने रुककर प्रतिभागियों का उत्साह बढ़ाया तथा जागरूकता संबंधी pamphlet भी प्राप्त किए।

एचआईवी से जुड़े मिथकों पर दी गई स्पष्ट जानकारी

मुख्य विकास अधिकारी नागेंद्र नारायण मिश्र ने कहा कि विश्व एड्स दिवस प्रतिवर्ष 1 दिसंबर को मनाया जाता है, जिसका उद्देश्य लोगों को एचआईवी संक्रमण के बारे में जागरूक करना है। उन्होंने चिंता जताई कि आज भी समाज में कई लोग एड्स से जुड़े मूलभूत तथ्यों, लक्षणों और उपचार की जानकारी से वंचित हैं, जिसके कारण कई मरीज समय पर इलाज तक नहीं पहुंच पाते। उन्होंने इस प्रकार की रैलियों को जन-जागरूकता का सशक्त माध्यम बताया। मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. राजेंद्र प्रसाद ने लोगों को एचआईवी से जुड़े मिथकों पर स्पष्ट जानकारी दी। उन्होंने कहा कि “एचआईवी छूने, साथ बैठने, भोजन साझा करने या सामान्य संपर्क से नहीं फैलता है। यह केवल असुरक्षित यौन संबंध, संक्रमित सुई, संक्रमित रक्त तथा गर्भावस्था या स्तनपान के दौरान मां से बच्चे में फैलता है।” डॉ. प्रसाद ने जोर देकर कहा कि जागरूकता और सावधानी ही संक्रमण से बचने का सबसे प्रभावी उपाय है।

लोगों से की अपील

रैली के दौरान स्वास्थ्य कर्मियों ने लोगों से अपील की कि यदि किसी में एड्स से जुड़े संभावित लक्षण दिखाई दें तो उसे छिपाएं नहीं, बल्कि तुरंत जांच कराएं। जिला अस्पताल स्थित इंटीग्रेटेड काउंसलिंग एंड टेस्टिंग सेंटर (ICTC) में निःशुल्क जांच, उपचार और परामर्श सुविधाएं उपलब्ध हैं। स्वास्थ्य टीम ने बताया कि समय पर उपचार शुरू हो जाने पर एचआईवी संक्रमित व्यक्ति लंबे समय तक सामान्य जीवन जी सकता है।

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