डिजिटल डेस्क- कांग्रेस सांसद रेणुका चौधरी सोमवार को उस समय सुर्खियों में आ गईं, जब वह संसद परिसर में एक छोटे कुत्ते को अपनी कार में लेकर पहुंचीं। गेट पर सुरक्षा कर्मियों ने कुत्ते को अंदर जाने से रोक दिया, जिसके बाद पत्रकारों ने जब उनसे सवाल किया कि वह जानवर को संसद क्यों लेकर आई हैं, तो रेणुका ने साफ कहा—“कोई कानून है क्या? मैं जा रही थी, एक स्कूटर एक कार से टकरा गया, यह छोटा पिल्ला सड़क पर घूम रहा था। लगा कि इसे टक्कर लग जाएगी, इसलिए कार में बैठा लिया। मेरा इसे अंदर ले जाने का कोई इरादा नहीं था।” रेणुका के अनुसार, उन्होंने कुत्ते को तुरंत वापस भेज दिया और ANI से कहा कि इस पर बवाल करने का कोई मतलब नहीं है। उन्होंने कटाक्ष करते हुए कहा असली काटने वाले तो पार्लियामेंट में बैठे हैं। वे सरकार चलाते हैं, हम एक बेजुबान जानवर की देखभाल करते हैं और यही बड़ा मुद्दा बना दिया गया है।”
सरकार कुत्ते को लेकर बवाल कर रही है- रेणुका चौधरी
उनके इस बयान ने राजनीतिक हलकों में नई बहस छेड़ दी। रेणुका चौधरी ने सरकार पर यह भी निशाना साधा कि देश में अहम मुद्दों की भरमार है, लेकिन सरकार कुत्ते के बहाने विवाद खड़ा कर रही है। उन्होंने कहा, “देशभर में इतना कुछ हो रहा है, BLOs की मौतें हो रही हैं, लेकिन सरकार कुत्ते को लेकर बवाल कर रही है। क्या सरकार के पास करने को और कुछ नहीं है?” हालांकि, उनके “असली काटने वाले पार्लियामेंट में बैठे हैं” वाले बयान ने विवाद को और गहरा कर दिया। कई सांसदों और राजनीतिक नेताओं ने इसे संसद की गरिमा को ठेस पहुंचाने वाला बताया है। विरोध जताने वालों का कहना है कि सांसदों पर इस तरह की टिप्पणी अनुचित और अमर्यादित है। सोशल मीडिया पर भी इस बयान को लेकर तीखी प्रतिक्रियाएं आ रही हैं, जहां कई लोग इसे ‘अतिरेक’ तो कुछ लोग इसे ‘सच्चाई भरा कटाक्ष’ बता रहे हैं।
विपक्षी नेताओं ने किया बचाव
विपक्षी नेताओं ने रेणुका के बचाव में कहा कि उन्होंने बस एक असहाय जानवर की रक्षा की और सरकार द्वारा इसे मुद्दा बनाना हास्यास्पद है। वहीं, सत्तापक्ष के नेताओं ने मांग की है कि रेणुका चौधरी अपने बयान पर सार्वजनिक माफी मांगें, क्योंकि यह बयान माननीय सदन की प्रतिष्ठा के खिलाफ है।