डिजिटल डेस्क- उत्तराखंड के मसूरी स्थित लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासन अकादमी (LBSNAA) में शनिवार का दिन ट्रेनी IAS अधिकारियों के लिए यादगार बन गया, जब रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने 100वें फाउंडेशन कोर्स के समापन समारोह में भाषण के दौरान अचानक एक गणित का सवाल पूछ लिया। सभागार में मौजूद 660 से अधिक ट्रेनी IAS अधिकारी पहले तो चुप रह गए, फिर धीरे-धीरे जवाब देने की कोशिशें शुरू हुईं, लेकिन पहले दो उत्तर गलत निकले। इस दौरान रक्षामंत्री का सहज व्यवहार और उनकी मुस्कुराहट पूरे वातावरण को हल्का और सीख से भरा बना रही थी।
राजनाथ सिंह ने पूछा—“कुल राशि कितनी थी?”
अपने संबोधन के बीच राजनाथ सिंह ने अचानक कहा— “मान लीजिए किसी व्यक्ति के पास कुछ पैसे थे। उसने उसका आधा A को दे दिया, एक-तिहाई B को दे दिया, और जितनी राशि बची यानी 100 पैसा, वह C को दे दी। बताइए कुल राशि कितनी थी?” जैसे ही सवाल पूरा हुआ, सभागार में सन्नाटा छा गया। सवाल को उन्होंने दोबारा दोहराया, तब एक ट्रेनी IAS ने उत्तर दिया—3000 रुपये। यह सुनकर रक्षामंत्री ने मुस्कुराते हुए सिर हिलाया और कहा—“गलत, दोबारा कोशिश करिए।” इसके बाद दूसरे ट्रेनी अधिकारी ने जवाब दिया—600। इस बार राजनाथ सिंह ने संतोष जताते हुए खुद इसका पूरा गणितीय समाधान समझाया।
राजनाथ सिंह ने कक्षा की तरह समझाया हल
उन्होंने कहा—
- कुल राशि को A मान लेते हैं।
- A को दी गई राशि = A/2
- B को दी गई राशि = A/3
- कुल दी गई राशि = 5A/6
- बची हुई राशि = A – 5A/6 = A/6 = 100
- इसलिए कुल राशि = A = 600
पूरा सभागार तालीयों से गूंज उठा।
आस्था और विश्वास से जोड़ी सीख
गणितीय सवाल का समाधान बताने के बाद राजनाथ सिंह ने इसे एक गहरी सीख से जोड़ा। उन्होंने कहा—
“मैथ्स की इस समस्या को हल करने के लिए हमने पहले यह मान लिया कि राशि A है, जबकि वह दिखाई नहीं दे रही थी। यही आस्था और विश्वास है। कई बार समस्याओं का समाधान हमारे विश्वास और सकारात्मक सोच में छिपा होता है। सिर्फ होता ही नहीं—सदा होता रहेगा।” अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि UPSC इस साल 100वें वर्ष में प्रवेश कर चुकी है। यह किसी भी संस्था के लिए गौरवशाली यात्रा है। उन्होंने कहा कि UPSC और LBSNAA ने मिलकर भारत के प्रशासनिक ढांचे को मजबूत बनाने में अत्यंत महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।