डिजिटल डेस्क- शनिवार को पुलिस-प्रशासन और नगर पालिका की संयुक्त टीम ने समाजवादी पार्टी (सपा) का नकटा दाना चौराहा स्थित कार्यालय खाली करा लिया। सुबह भारी पुलिस बल की मौजूदगी में टीम ने कार्यालय के तीन ताले तोड़कर अंदर रखा सामान बाहर निकलवाया और परिसर पर नगर पालिका का ताला लगा दिया। मौके पर सैकड़ों पुलिसकर्मियों की तैनाती रही, जिससे इलाके में तनाव की स्थिति बनी रही। नगर पालिका प्रशासन ने बताया कि सपा को कार्यालय खाली करने के लिए कई बार नोटिस जारी किए गए थे, लेकिन पार्टी की ओर से कोई जवाब नहीं दिया गया और न ही सामान हटाया गया। सिटी मजिस्ट्रेट विजयवर्धन तोमर ने कहा कि बार-बार नोटिस देने के बावजूद कोई प्रतिक्रिया न मिलने के कारण मजबूरी में यह कार्रवाई की गई है। कार्यालय में मौजूद सामान को निकालकर कब्जे में लिया गया है।
2005 में मिला था आवास, 2020 में रद्द हुआ आवंटन
जानकारी के अनुसार, वर्ष 2005 में नगर पालिका ने अधिशासी अधिकारी के आवास को सपा कार्यालय के लिए 150 रुपये मासिक किराए पर आवंटित किया था। लेकिन यह आवंटन 12 नवंबर 2020 को यह कहते हुए रद्द कर दिया गया कि प्रक्रिया नियमानुसार नहीं हुई थी। इसके बाद सपा के तत्कालीन जिलाध्यक्ष आनंद सिंह यादव ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की, जिसे उन्होंने 2020 में वापस ले लिया। इसके बाद से नगर पालिका लगातार कार्यालय खाली करने का अल्टीमेटम देती रही, लेकिन इसे खाली नहीं किया गया। जून 2024 में जब नगर पालिका की टीम कार्यालय खाली कराने पहुंची थी, तब सपा कार्यकर्ताओं और पुलिस के बीच झड़प भी हुई थी।
याचिका विचाराधीन, फिर भी कार्रवाई—सपा ने लगाया आरोप
सपा जिलाध्यक्ष जगदेव सिंह ने प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि पार्टी की याचिका सिविल कोर्ट में विचाराधीन है और 4 दिसंबर को सुनवाई निर्धारित है। उनका कहना है कि प्रशासन को डर था कि सपा को स्टे मिल सकता है, इसलिए जल्दबाजी में ताले तोड़कर अंदर का सामान चोरी कर लिया गया। उन्होंने कहा कि इस मामले में एसपी को शिकायत दी जाएगी।
3 ताले तोड़कर कब्जा सुनिश्चित
शनिवार को एसडीएम सदर श्रद्धा सिंह, ईओ संजीव कुमार और सीओ दीपक चतुर्वेदी फोर्स के साथ पहुंचे। नगर पालिका की टीम ने हथौड़े से तीन ताले तोड़कर परिसर में प्रवेश किया और सामान बाहर निकालकर नया ताला लगा दिया। मौके पर किसी भी सपा नेता की मौजूदगी नहीं थी।