डिजिटल डेस्क- रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शनिवार को मसूरी स्थित लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासन अकादमी (एलबीएसएनएए) में यूपीएससी के 100वें कॉमन फाउंडेशन कोर्स के समापन समारोह को संबोधित किया। अपने संबोधन में उन्होंने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ का विशेष उल्लेख करते हुए इसे नागरिक-सैन्य समन्वय और प्रशासनिक दक्षता का आदर्श मॉडल बताया। उन्होंने कहा कि इस अभियान के दौरान प्रशासनिक तंत्र और सशस्त्र बलों ने मिलकर काम किया, जनता को सही सूचना दी और व्यापक स्तर पर भरोसा कायम किया। रक्षा मंत्री ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर के तहत भारतीय सशस्त्र बलों ने संयमित तरीके से पाकिस्तान और पीओके में सक्रिय आतंकी ढांचों को ध्वस्त किया। उन्होंने आरोप लगाया कि पाकिस्तान के लगातार दुष्प्रचार और उकसावे के कारण सीमा पर हालात सामान्य नहीं हो पाए। सिंह ने जवानों की वीरता और प्रशासनिक अधिकारियों के सहयोग की सराहना की, जिन्होंने देशभर में मॉक ड्रिल का संचालन करने और लोगों को उसकी महत्ता समझाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
प्रशिक्षु अधिकारियों को दिया संदेश
उन्होंने प्रशिक्षु अधिकारियों को संदेश देते हुए कहा कि भविष्य में आने वाली चुनौतियों से निपटने के लिए उन्हें हमेशा मानसिक रूप से तैयार रहना चाहिए। राजनाथ सिंह ने तकनीकी दक्षता और जनसेवा के संतुलन पर जोर देते हुए कहा कि प्रशासनिक सेवाओं का उद्देश्य केवल शासन नहीं, बल्कि जनसशक्तिकरण होना चाहिए। उन्होंने ‘न्यूनतम सरकार, अधिकतम शासन’ और ‘सुधार, प्रदर्शन एवं परिवर्तन’ जैसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मंत्रों का उल्लेख करते हुए कहा कि 2047 तक विकसित भारत के लक्ष्य को हासिल करने में सिविल सेवकों की भूमिका निर्णायक होगी। अर्थव्यवस्था पर बात करते हुए उन्होंने कहा कि पिछले 10 वर्षों में भारत 11वें स्थान से चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बना है और वैश्विक संस्थान अब भारत को अगले दो से तीन वर्षों में तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के रूप में देख रहे हैं।
पारदर्शिता और करुणा के साथ काम करने की दी नसीहत
रक्षा मंत्री ने नागरिक सेवकों को सत्यनिष्ठा, पारदर्शिता और करुणा के साथ काम करने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि अधिकारियों को समाज के कमजोर और वंचित वर्गों के साथ संवाद करते समय उनके संघर्षों और सामाजिक परिस्थितियों को समझना चाहिए। यही एक अधिकारी को जन-केंद्रित बनाता है। राजनाथ सिंह ने प्रशासनिक सेवाओं में महिलाओं की बढ़ती भागीदारी पर भी प्रसन्नता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि नवीनतम यूपीएससी परीक्षा में शीर्ष पर महिलाओं का आना आने वाले समय में नेतृत्व भूमिकाओं में महिलाओं की मजबूत उपस्थिति का संकेत है।