डिजिटल डेस्क- कानपुर में शुक्रवार को बड़ा हादसा टल गया, जब दिल्ली से वाराणसी जा रही एक स्लीपर बस रामादेवी फ्लाईओवर के पास अचानक आग की लपटों में घिर गई। दोपहर के समय हुए इस हादसे में बस के अधिकतर यात्री गहरी नींद में थे, लेकिन ट्रैफिक पुलिस की सतर्कता और त्वरित कार्रवाई ने सभी 38 यात्रियों की जान बचा ली। समय रहते राहत-कर्मी न पहुंचते तो हालात बेहद भयावह हो सकते थे। जानकारी के मुताबिक, बस गुरुवार देर रात 11:30 बजे दिल्ली से रवाना हुई थी। रास्ते में टायर फटने और जाम की वजह से बस लेट चल रही थी। इसी दौरान मंगला विहार के पास बस में आग लग गई। पीछे से आ रहे वाहन चालक लगातार इशारे कर रहे थे, लेकिन ड्राइवर आग को समझ नहीं पाया।
पुलिस ने सो रहे यात्रियों को जगाकर निकाला बाहर
फ्लाईओवर पर मौजूद ट्रैफिक इंस्पेक्टर राजेश कुमार मिश्रा, दारोगा वीरेंद्र सिंह यादव, हेड कांस्टेबल महेश बाबू और सिपाही साहिल खान व पुष्पेंद्र ने बस की छत से उठता धुआं देखा और तुरंत बस को रुकवाया। पुलिसकर्मी दौड़कर बस में चढ़े और सो रहे यात्रियों को बाहर निकालकर सुरक्षित किया।
दमकल की छह गाड़ियों की मदद से पाया गया काबू
कुछ ही मिनटों में आग ने पूरी बस को अपनी चपेट में ले लिया और हाईवे पर लंबा जाम लग गया। दमकल की छह गाड़ियों ने एक घंटे की मशक्कत के बाद आग पर नियंत्रण पाया। दो क्रेनों की मदद से जली बस को हटाकर यातायात बहाल कराया गया। इस हादसे में यात्रियों का नकद, जेवर और अन्य सामान जलकर राख हो गया।