KNEWS DESK- कर्नाटक में मुख्यमंत्री पद को लेकर पिछले कई दिनों से चल रही सियासी उथल-पुथल अब निर्णायक मोड़ पर पहुँचती दिख रही है। बेंगलुरु से दिल्ली तक जारी राजनीतिक चर्चाओं और अटकलों के बीच कांग्रेस हाईकमान ने राज्य के दोनों शीर्ष नेताओं मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार को आपसी बातचीत से विवाद सुलझाने का निर्देश दिया है। इसी के तहत सिद्धारमैया ने शनिवार सुबह शिवकुमार को नाश्ते पर मुलाकात के लिए बुलाया है।
विवाद तब और गहरा गया जब 20 नवंबर को कांग्रेस सरकार के 2.5 साल पूरे होने पर शिवकुमार समर्थक नेताओं ने मुख्यमंत्री बदलने की मांग उठाई। हालांकि यह मुद्दा पिछले साल सत्ता संभालने के समय से ही दबा हुआ था, लेकिन बीते एक हफ्ते में इसकी गति काफी तेज हो गई है।
विधानसभा का अगला सत्र 8 दिसंबर से शुरू हो रहा है और उससे पहले हाईकमान चाहता है कि सत्ता संघर्ष खत्म हो जाए। इसी कारण दोनों नेताओं को कहा गया है कि वे बिना दिल्ली के हस्तक्षेप के इस मसले को आपस में ही सुलझाएँ।
CM सिद्धारमैया ने कहा, “हाईकमान ने मुझे और उन्हें फोन कर बैठक की सलाह दी है। मैंने शिवकुमार को नाश्ते पर बुलाया है। जब वह आएँगे, हम सभी मुद्दों पर बात करेंगे।” उन्होंने स्पष्ट किया कि वह पहले भी कह चुके हैं कि जो भी निर्देश हाईकमान देगा, वही मानेंगे। “मेरा स्टैंड वही रहेगा। उन्होंने (शिवकुमार) भी कहा है कि वह हाईकमान के निर्देशों का पालन करेंगे।”
वहीं उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने शुक्रवार को कहा कि उन्हें मुख्यमंत्री बनने की कोई जल्दी नहीं है। उन्होंने कहा, “पार्टी के कार्यकर्ता भले उत्साहित हों, लेकिन मुझे कोई जल्दी नहीं है। पार्टी ही सारे फैसले लेगी।”
शिवकुमार का दावा रहा है कि मई 2023 में सरकार बनाते समय उनके, सिद्धारमैया और दिल्ली नेतृत्व के बीच 2.5-2.5 साल के पावर-शेयरिंग फॉर्मूले पर सहमति बनी थी। हालांकि इस पर कभी कोई लिखित समझौता नहीं हुआ और न ही हाईकमान की ओर से इस बारे में आधिकारिक पुष्टि की गई।