KNEWS DESK – सोशल मीडिया पर अपने मशहूर डायलॉग “10 रुपये का बिस्कुट कितने का है जी…” से पहचान बनाने वाले कंटेंट क्रिएटर शादाब हसन जकाती एक बड़े विवाद में फंस गए हैं। गुरुवार को मेरठ पुलिस ने उन्हें उस वीडियो के मामले में गिरफ्तार किया, जिसमें उन पर एक नाबालिग बच्ची से अनुचित और अश्लील प्रकृति का कंटेंट बनवाने का आरोप लगा है। यह वीडियो वायरल होते ही राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (NCPCR) ने कड़ी आपत्ति जताई और पुलिस से कड़ी कार्रवाई की मांग की।
वीडियो वायरल होते ही मचा हड़कंप
शादाब का विवादित वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से फैल गया। वीडियो में शादाब एक दुकानदार की भूमिका में नजर आए, जहां बच्ची के साथ उनकी बातचीत और टिप्पणियां कई लोगों को अनुचित लगीं। सोशल एक्टिविस्ट राहुल ने इस मामले में शिकायत दर्ज कराई, जिसके बाद NCPCR ने तत्काल संज्ञान लेकर मेरठ पुलिस को नोटिस भेजा।
इसके बाद इंचोली थाना पुलिस ने BNSS 170 के तहत शादाब के खिलाफ केस दर्ज किया और उन्हें गिरफ्तार कर लिया। पुलिस का कहना है कि वीडियो में बच्ची के साथ किए गए व्यवहार को बेहद गंभीरता से लिया गया है और जांच जारी है।
कोर्ट से मिली राहत, मिली जमानत
गिरफ्तारी के कुछ घंटों बाद ही शादाब को कोर्ट में पेश किया गया, जहां उन्हें जमानत मिल गई। हालांकि, उनके खिलाफ केस दर्ज है और पुलिस वीडियो के हर पहलू की जांच कर रही है। अधिकारियों का कहना है कि नाबालिगों से जुड़े मामलों में किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
शादाब की सफाई—‘इरादा गलत नहीं था’
जमानत मिलने के बाद मीडिया से बात करते हुए शादाब ने अपनी सफाई दी। उन्होंने कहा कि वीडियो सोच-समझकर बनाया गया था और बाद में उन्होंने इसे हटा भी दिया। शादाब ने कहा—“मेरा कोई गलत इरादा नहीं था। वीडियो में बच्ची की तारीफ ही की गई थी। अगर किसी को बुरा लगा हो, तो मैं माफी मांगता हूं।”
उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि उन्हें यह नहीं पता कि उनके खिलाफ कौन सी धारा लगाई गई है। शादाब का कहना है कि वे भविष्य में ऐसे मामलों को लेकर और सावधानी बरतेंगे।
सोशल मीडिया पर नाराजगी और बहस जारी
इस विवाद ने सोशल मीडिया पर तीखी प्रतिक्रियाएं पैदा कर दी हैं। कई लोग शादाब के वीडियो को बच्चों के प्रति गैर-जिम्मेदाराना व्यवहार बता रहे हैं, जबकि कुछ उनके समर्थन में भी उतरे हैं और इसे गलतफहमी करार दे रहे हैं। शिकायतकर्ता राहुल ने कहा कि बच्चियों या बच्चों के साथ किसी भी तरह का अनुचित कंटेंट बनाना कानूनन अपराध है और इसके खिलाफ सख्त कदम उठाए जाने चाहिए।