KNEWS DESK- दिल्ली-NCR में लगातार बिगड़ती वायु गुणवत्ता को लेकर सुप्रीम कोर्ट में गुरुवार को महत्वपूर्ण सुनवाई हुई। वायु प्रदूषण मामले में एमिकस क्यूरी अपराजिता सिंह ने अदालत का ध्यान आकर्षित करते हुए कहा कि राजधानी में स्थिति बेहद चिंताजनक है और इसे स्वास्थ्य आपातकाल घोषित किए जाने की आवश्यकता है।
मुख्य न्यायाधीश सूर्यकांत ने मामले की गंभीरता पर चिंता जताते हुए कहा “न्यायिक मंच कौन सी जादुई छड़ी घुमा सकता है? हम जानते हैं यह दिल्ली-NCR के लिए खतरनाक है। हमें बताइए कि हम क्या निर्देश दें?”
सीजेआई ने कहा कि वायु प्रदूषण के कई कारण हैं और किसी एक वजह को दोष देना “गंभीर भूल” होगी। उन्होंने यह भी कहा कि विशेषज्ञों और वैज्ञानिकों की मदद से ही सही समाधान निकाला जा सकता है।
CJI सूर्यकांत ने कहा कि त्योहारों और विशेष मौकों पर प्रदूषण रोकने के लिए बनाई गई कई समितियाँ केवल ‘कागजों पर ही सक्रिय’ दिखती हैं, जबकि जमीनी स्तर पर सुधार नहीं हो पा रहा। उन्होंने कहा कि कोर्ट को इस मामले की नियमित निगरानी करनी होगी।
कोर्ट ने 3 दिसंबर को अगली सुनवाई तय की है। इसके साथ ही अदालत ने यह भी स्पष्ट किया कि ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAP) के तहत सालभर पाबंदियाँ लागू करने का कोई औचित्य नहीं बनता। GRAP केवल तब लागू होता है जब AQI खतरनाक स्तर पर पहुँच जाए।
दिल्ली की हवा की स्थिति पर अपनी व्यक्तिगत परेशानी साझा करते हुए CJI सूर्यकांत ने कहा “मैं कल 55 मिनट तक टहलने गया। वापस आया तो कठिनाई हुई और सुबह तक काफी दिक्कत रही।”
CJI ने यह टिप्पणी उस समय की जब अदालत में SIR (Special Intensive Revision) एक्सरसाइज की वैधता से जुड़ी याचिकाओं पर सुनवाई चल रही थी।