दिल्ली वालों को प्रदूषण से नहीं मुफ्त की चीजों से मतलब है… कांग्रेसी नेता के बयान से आया भूचाल

डिजिटल डेस्क- दिल्ली में लगातार बिगड़ती एयर क्वालिटी को लेकर राजनीति, समाज और न्यायपालिका तीनों स्तरों पर हलचल तेज हो गई है। कांग्रेस नेता संदीप दीक्षित ने राजधानी में एयर पॉल्यूशन के खिलाफ हो रहे विरोध प्रदर्शनों को लेकर दिल्ली सरकार पर सीधा निशाना साधा। उन्होंने कहा कि प्रदूषण पर जितने विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं, उससे कहीं कम गंभीरता सरकार द्वारा दिखाई जा रही है। दीक्षित ने कहा कि उन्हें नहीं लगता कि दिल्ली सरकार के पास इस संकट से निपटने की कोई ठोस रणनीति है। “दिल्ली के लोग उसी चीज़ के लिए वोट करते हैं जो उन्हें मुफ्त में मिलती है। दुर्भाग्य से, प्रदूषण ऐसा मुद्दा नहीं है जिसका चुनावी असर दिखाई देता हो,” उन्होंने टिप्पणी की। उनका कहना था कि राजनीतिक दल वही मुद्दे उठाते हैं जो वोट दिला सकें और प्रदूषण उससे अलग है।

CJI सूर्यकांत भी प्रदूषण से परेशान

दिल्ली की दूषित हवा पर सुप्रीम कोर्ट ने भी गंभीर चिंता जताई है। बुधवार को मुख्य न्यायाधीश (CJI) सूर्यकांत ने कोर्ट में कहा कि दिल्ली का वातावरण इतना खराब हो चुका है कि सुबह की वॉक तक मुश्किल बन गई है। उन्होंने बताया कि 55 मिनट टहलने के बाद उन्हें सांस लेने में दिक्कत महसूस हुई। यह टिप्पणी तब आई जब वरिष्ठ अधिवक्ता राकेश द्विवेदी ने अपनी खराब सेहत का हवाला देते हुए SIR मामले की सुनवाई से छूट मांगी। CJI ने पूछा कि क्या उनकी तबीयत दिल्ली के मौसम से जुड़ी है, जिस पर अधिवक्ता ने सहमति जताई।

इंडिया गेट प्रदर्शन में अचानक बदला माहौल

उधर, दिल्ली पुलिस के डिप्टी कमिश्नर (DCP) देवेश कुमार महला इंडिया गेट पर हुए प्रदूषण विरोधी प्रदर्शन से जुड़े मामले में बुधवार को कोर्ट पहुंचे। इस प्रदर्शन के दौरान कथित तौर पर कुछ प्रदर्शनकारियों ने पुलिसकर्मियों पर पेपर स्प्रे से हमला किया था। लेकिन इस विरोध में एक बड़ा मोड़ तब आया जब भीड़ में शामिल कुछ लोगों ने मारे गए नक्सल कमांडर माडवी हिडमा के समर्थन में पोस्टर लहराए और नारे लगाने शुरू कर दिए। इससे पूरे आंदोलन का स्वरूप बदल गया और पुलिस अब यह पता लगाने में जुटी है कि क्या प्रदर्शन में किसी विशेष विचारधारा के समर्थक घुसपैठ कर रहे थे।

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