KNEWS DESK – प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को हुई केंद्रीय कैबिनेट बैठक में बुनियादी ढांचे, तकनीक और परिवहन क्षेत्र से जुड़े कई महत्वपूर्ण प्रस्तावों को मंजूरी दी गई। इनमें 7,000 करोड़ रुपये की लागत से दुर्लभ मृदा (Rare Earth) के अन्वेषण की राष्ट्रीय योजना, पुणे मेट्रो का बड़ा विस्तार और रेल मंत्रालय की दो महत्वपूर्ण लाइन प्रोजेक्ट्स शामिल हैं।
REPM मैग्नेट मैन्युफैक्चरिंग योजना को मंजूरी
केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव के अनुसार कैबिनेट ने ‘सिंटर्ड रेयर अर्थ परमानेंट मैग्नेट (REPM) मैन्युफैक्चरिंग’ को बढ़ावा देने के लिए 7,280 करोड़ रुपये की लागत वाली योजना को मंजूरी दी है।
- 6,000 MTPA क्षमता वाली एकीकृत REPM मैन्युफैक्चरिंग फैसिलिटी स्थापित की जाएगी।
- REPM अत्याधुनिक इलेक्ट्रिक वाहन, रिन्यूएबल एनर्जी, एयरोस्पेस, डिफेंस और इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों में इस्तेमाल होने वाले सबसे मजबूत मैग्नेट हैं।
- कुल खर्च 7,280 करोड़ रुपये में 6,450 करोड़ का सेल्स-लिंक्ड इंसेंटिव और 750 करोड़ की कैपिटल सब्सिडी शामिल।
- वैश्विक प्रतिस्पर्धी बिडिंग के जरिए पांच लाभार्थियों को क्षमता आवंटित की जाएगी।
यह कदम भारत को ग्लोबल सप्लाई चेन में एक प्रमुख खिलाड़ी बनाने और आत्मनिर्भरता को मजबूत करने की दिशा में अहम माना जा रहा है।
पुणे मेट्रो विस्तार—फ़ेज़ 2 को मंजूरी
कैबिनेट ने पुणे मेट्रो रेल प्रोजेक्ट के फ़ेज़-2 के अहम हिस्सों लाइन 4 और 4A के विस्तार को मंजूरी दे दी है।
लाइन 4 और 4A के प्रमुख तथ्य—
- कुल लंबाई: 31.636 किमी
- कुल स्टेशन: 28 एलिवेटेड स्टेशन
- अनुमानित लागत: 9,857.85 करोड़ रुपये
- पांच साल में परियोजना पूरी होगी
- फंडिंग: केंद्र सरकार, महाराष्ट्र सरकार और बाहरी एजेंसियों के सहयोग से
- लाइनें IT हब, बिज़नेस कॉरिडोर, एजुकेशनल ज़ोन और रिहायशी क्षेत्रों को जोड़ेगी
यह परियोजना शहर की मल्टी-मॉडल कनेक्टिविटी को मजबूत करेगी और ट्रैफ़िक दबाव को कम करने में मदद करेगी।
कैबिनेट ने 7 वर्षों में 7,000 करोड़ रुपये खर्च कर देशभर में रेयर अर्थ मटीरियल की खोज और अन्वेषण की नई केंद्रीय योजना को भी मंजूरी दी। इसका उद्देश्य स्वदेशी संसाधनों की पहचान, उनकी क्षमता का उपयोग और आयात पर निर्भरता को कम करना है।
रेल मंत्रालय की दो बड़ी परियोजनाओं को मंजूरी
आर्थिक मामलों की कैबिनेट समिति (CCEA) ने रेल मंत्रालय के दो प्रोजेक्ट्स पर हरी झंडी दे दी—
1. देवभूमि द्वारका–कानालुस (ओखा) रेलवे लाइन डबलिंग
- लंबाई: 141 किमी
- लागत: 1,457 करोड़ रुपये
2. बदलापुर–कर्जत तीसरी और चौथी लाइन
- लंबाई: 32 किमी
- लागत: 1,324 करोड़ रुपये
इन परियोजनाओं से रेल नेटवर्क की क्षमता और मोबिलिटी बढ़ेगी, जिससे कंजेशन घटेगा और ऑपरेशनल इफिशिएंसी में सुधार होगा।
सभी प्रोजेक्ट्स PM-Gati Shakti नेशनल मास्टर प्लान के तहत इंटीग्रेटेड प्लानिंग और मल्टी-मॉडल कनेक्टिविटी को सुदृढ़ करेंगे। इससे लोगों को बेहतर कनेक्टिविटी, रोजगार के अवसर और तेज़ विकास मिलने की उम्मीद है।