KNEWS DESK- अयोध्या ने आज एक और स्वर्णिम अध्याय लिख दिया। राम मंदिर के शिखर पर धर्मध्वज के भव्य आरोहण के बाद देशभर में उत्साह और आध्यात्मिक उल्लास की लहर दौड़ गई है। इस ऐतिहासिक अवसर पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने जनसभा को संबोधित करते हुए इस दिन को नए युग, नई ऊर्जा और संकल्प की पुनर्पुष्टि का क्षण बताया।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने धर्मध्वज आरोहण को सिर्फ एक अनुष्ठान नहीं, बल्कि राष्ट्र की चेतना का नया आरंभ बताया। उन्होंने कहा “राम मंदिर 140 करोड़ भारतीयों की आस्था का भव्य प्रतीक है।” “मंदिर पर लहराता यह केसरिया ध्वज धर्म और भारत की संकल्पना का प्रतीक है।” “संकल्प का कोई विकल्प नहीं होता, और यह ध्वज उसी अटल संकल्प का प्रतिरूप है।”
योगी आदित्यनाथ ने इस अवसर पर ‘लाठी-गोली खाएंगे, मंदिर वहीं बनाएंगे’ नारे का भी उल्लेख किया और कहा कि यह भावना हमेशा से अयोध्या की आत्मा में रही है।
उन्होंने आगे कहा कि आज अयोध्या आध्यात्मिकता के साथ-साथ आधुनिकता का भी केंद्र बन चुकी है। सड़कें, परिवहन, हवाई अड्डा, पर्यटन सुविधाएँ—हर क्षेत्र में हुए विकास कार्यों का ज़िक्र करते हुए उन्होंने अपने संबोधन का समापन “जय जय श्रीराम” के जयकारे के साथ किया।
आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने इस अवसर की ऐतिहासिकता को रेखांकित करते हुए कहा “इस दिन के लिए अनगिनत राम भक्तों ने अपने प्राण अर्पित किए हैं।” “मंदिर बनने में समय लगता है, लेकिन यह धर्मध्वज हमारे संकल्प की पुनरावृत्ति है।”

उन्होंने धर्मध्वज से जुड़े प्रतीकों का भी विस्तार से वर्णन किया। भगवा रंग—त्याग, वीरता और धर्म का प्रतीक, कोविदार वृक्ष रघुकुल की पहचान, दो दिव्य वृक्षों के गुणों का समुच्चय, धर्मध्वज भारत के शांति, समृद्धि और सत्य आधारित भविष्य का प्रतीक। भागवत ने कहा कि आज जिस प्रकार राम मंदिर साकार हुआ है, वह उन सभी सपनों से भी अधिक शुभ और भव्य है, जिन्हें कभी भक्तों ने देखा था।