डिजिटल डेस्क- पंजाब विधानसभा के विशेष सत्र में सोमवार को मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने ऐतिहासिक घोषणा की। श्री गुरु तेग बहादुर साहिब जी के 350वें शहीदी दिवस को समर्पित श्री आनंदपुर साहिब में आयोजित इस सत्र में सरकार ने तीन प्रमुख धार्मिक स्थलों श्री दरबार साहिब अमृतसर गलियारा, श्री आनंदपुर साहिब और तख्त श्री दमदमा साहिब (तलवंडी साबो, बठिंडा) को ‘पवित्र शहर’ घोषित कर दिया। सदन में मौजूद सभी विधायकों ने इस प्रस्ताव को सर्वसम्मति से पारित किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि इन तीनों पवित्र शहरों में अब मीट, शराब, तंबाकू और इससे जुड़ी किसी भी तरह की दुकान खोलने की अनुमति नहीं होगी। इस संबंध में स्थानीय प्रशासन को आदेश जारी कर दिए गए हैं और किसी भी उल्लंघन पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। CM मान ने स्पष्ट किया कि भले ही अमृतसर गलियारा पहले से ही धार्मिक रूप से पवित्र माना जाता रहा है, लेकिन इसे कभी भी औपचारिक रूप से विधानसभा में ‘पवित्र शहर’ का दर्जा नहीं मिला था, जो अब दे दिया गया है।
गुरु तेग बहादुर के ‘बलिदान’ को नमन करते हुए भावुक हुए सीएम
सत्र को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने गुरु तेग बहादुर जी की कुर्बानी का उल्लेख किया और कहा कि गुरु साहिब ने उस युग में इंसान के मन से गुलामी का भय निकालकर अत्याचार के खिलाफ एक मिसाल कायम की। उन्होंने कहा कि गुरु तेग बहादुर की लड़ाई किसी धर्म या वर्ग के खिलाफ नहीं थी, बल्कि जुल्म, अन्याय और जबर के विरुद्ध थी। उन्होंने समाज को धार्मिक स्वतंत्रता का अधिकार दिलाया। अपने भाषण के बाद मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि यह विशेष सत्र अब अनिश्चित काल के लिए स्थगित कर दिया गया है।
गुरु तेग बहादुर के नाम पर नई यूनिवर्सिटी की तैयारी
पंजाब सरकार श्री आनंदपुर साहिब के चंगर क्षेत्र में गुरु तेग बहादुर जी के नाम पर एक नई यूनिवर्सिटी स्थापित करने की तैयारी भी कर रही है। बताया जा रहा है कि इस परियोजना को अंतिम रूप दे दिया गया है और जल्द ही आधिकारिक घोषणा की जा सकती है। यह विश्वविद्यालय क्षेत्र के युवाओं को उच्चस्तरीय शिक्षा और रोजगार के नए अवसर प्रदान करेगा। आनंदपुर साहिब खालसा पंथ की जन्मस्थली है। 2009 में नौ विधानसभा क्षेत्रों गढ़शंकर, नवांशहर, बंगा, आनंदपुर साहिब, बलाचौर, चमकौर साहिब, रूपनगर, मोहाली और खरड़ को मिलाकर आनंदपुर साहिब संसदीय क्षेत्र बनाया गया था। इस क्षेत्र का पहला प्रतिनिधित्व रवनीत सिंह बिट्टू ने किया था, जिन्होंने शिअद नेता डॉ. दलजीत सिंह चीमा को पराजित किया था।