बच्चों की सुरक्षा के लिए ये 5 बातें जरूर सिखाएं, प्यार, जागरूकता और समझ के साथ उन्हें सुरक्षित बनाएं

KNEWS DESK- बच्चों की सुरक्षा हर माता-पिता और परिवार की सबसे बड़ी प्राथमिकता होती है। आज के समय में डिजिटल दुनिया हो या वास्तविक जीवन हर जगह तेजी से बदलाव आ रहे हैं। बच्चों से जुड़े अपराधों में बढ़ोतरी ने पेरेंट्स की चिंता और भी बढ़ा दी है। लेकिन इसका मतलब बच्चों पर जरूरत से ज्यादा रोक-टोक लगाना नहीं है, क्योंकि इससे उनके आत्मविश्वास और मानसिक विकास पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। इसके बजाय, जरूरी है कि बच्चों को प्यार से, सहज तरीके से और जीवन से जुड़े उदाहरणों के माध्यम से सुरक्षा के नियम सिखाए जाएं। सेफ्टी का मतलब डरना नहीं है, बल्कि किसी कठिन परिस्थिति को पहचानना और संभालना सीखना है।

नीचे ऐसे ही महत्वपूर्ण सेफ्टी टिप्स दिए जा रहे हैं, जिन्हें हर माता-पिता को अपने बच्चों को अवश्य बताना चाहिए।

गुड टच और बैड टच समझाएं

बच्चों को यह जरूर बताना चाहिए कि उनका शरीर उनका अपना है। उनके शरीर के कुछ हिस्से प्राइवेट होते हैं, जिन्हें इनरवियर कवर करते हैं, और उन्हें कोई छू नहीं सकता। उन्हें समझाएं कि अगर कोई भी उन्हें छूने की कोशिश करे और उन्हें असहज महसूस हो, तो तुरंत “ना” कहें। ऐसे मामलों में तुरंत पेरेंट्स या किसी भरोसेमंद बड़े को बताना बेहद जरूरी है। नहलाने या कपड़े बदलवाने में सिर्फ पेरेंट्स या दादी-नानी जैसे करीबी लोग ही मदद कर सकते हैं।

दूसरों के चैलेंज में न फंसें

बच्चे अकसर दोस्ती या बहादुरी साबित करने के चक्कर में किसी के चैलेंज में फंस जाते हैं, जैसे ऊंचाई पर चढ़ना, खतरनाक जगह कूदना या तेज़ भागना। उन्हें बताएं कि बहादुरी का मतलब अपनी सुरक्षा का ध्यान रखना है। यदि कोई भी खतरनाक काम करने के लिए उकसाए तो तुरंत मना कर दें। ऐसी घटना होते ही तुरंत पेरेंट्स को बताएं।

सीक्रेट वाले खेल बिल्कुल न खेलें

बच्चों को यह समझाना बहुत जरूरी है कि परिवार में कोई भी सीक्रेट नहीं होता। अगर कोई उन्हें खाने की चीज़ देकर कहे कि “मम्मी-पापा को मत बताना”, तो ऐसे व्यक्ति से तुरंत दूरी बना लें। बच्चों को यह भरोसा दिलाएं कि माता-पिता हर परिस्थिति में उनके साथ खड़े हैं। किसी भी अजीब व्यवहार या सीक्रेट को तुरंत घर में बताएं।

फोन और इंटरनेट का सुरक्षित उपयोग

तकनीकी दुनिया जितनी उपयोगी है, उतनी ही खतरनाक भी हो सकती है। बच्चों को डिजिटल सेफ्टी सिखाना आज बेहद जरूरी है। इंटरनेट का उपयोग सिर्फ सीखने या मनोरंजन के लिए करें। अपनी फोटो, पता, स्कूल की जानकारी किसी के साथ भी ऑनलाइन साझा न करें। अनजान लिंक, गेम, वीडियो या मैसेज न खोलें। अगर किसी ऑनलाइन बातचीत से डर लगे या अजीब लगे, तो तुरंत उसे ब्लॉक करें और पेरेंट्स को बताएं।

घर के अंदर भी जरूरी हैं सेफ्टी रूल्स

सेफ्टी सिर्फ बाहर ही नहीं, घर के अंदर भी उतनी ही जरूरी है। दरवाजा किसी भी अनजान व्यक्ति के लिए न खोलें। कोई भी ऐसा व्यक्ति चाहे जाना-पहचाना ही क्यों न हो अगर बच्चों को असहज महसूस कराए, तो तुरंत बताएं। बिजली के स्विच, गैस चूल्हा, नुकीली चीजें इस्तेमाल करने को लेकर सावधानी सिखाएं। अकेले में किसी नए या अजीब व्यक्ति के साथ न रहें।

बच्चों की सुरक्षा रोक-टोक से नहीं, समझ और जागरूकता से होती है। जब बच्चे अपनी सीमाएं, शरीर की सुरक्षा, ऑनलाइन सतर्कता और जोखिम से बचने के तरीके सीख जाते हैं, तो वे आत्मविश्वासी बनते हैं और मुश्किल परिस्थितियों को बेहतर तरीके से संभालते हैं। माता-पिता का प्यार, भरोसा और संवाद बच्चों की सबसे बड़ी ताकत है। उन्हें बताएं, सिखाएं और सबसे ज़रूरी हमेशा उनके साथ रहें।

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