डिजिटल डेस्क- मथुरा के विश्व प्रसिद्ध ठाकुर बांके बिहारी मंदिर में भक्तों की भीड़ और सुरक्षा व्यवस्था को ध्यान में रखते हुए हाई पावर मैनेजमेंट कमेटी ने एक अहम फैसला लिया है। कमेटी ने मंदिर के जगमोहन क्षेत्र में भक्तों की एंट्री और सीढ़ियों पर खड़े होकर दर्शन करने पर पूरी तरह रोक लगा दी है। यह नया आदेश 22 नवंबर से प्रभावी हो गया है। इस फैसले के बाद भक्त अब मंदिर के गर्भगृह के सामने बने जगमोहन से खड़े होकर दर्शन नहीं कर पाएंगे। कमेटी का कहना है कि भीड़ के बीच सुरक्षा जोखिम लगातार बढ़ रहा था, जिसके बाद यह कदम उठाना जरूरी हो गया। हाई पावर मैनेजमेंट कमेटी की बैठक 20 नवंबर को हुई थी। इसके बाद 21 नवंबर को समिति के अध्यक्ष और सदस्य मंदिर पहुंचे और भीड़ प्रबंधन की स्थिति का निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान यह देखा गया कि पुरुष, महिलाएँ और बच्चे जगमोहन की सीढ़ियों पर चढ़कर दर्शन कर रहे थे, कई लोग वेरीकेट्स पर लटककर छोटे बच्चों को दर्शन करा रहे थे, इससे न केवल व्यवस्था बिगड़ रही थी बल्कि दुर्घटना की आशंका भी बनी हुई थी। इन स्थितियों ने कमेटी को बाध्य किया कि सुरक्षा के मद्देनज़र जगमोहन से एंट्री को फिलहाल बंद कर दिया जाए।
कमेटी के आदेश: क्या-क्या बदला?
नए आदेश में कई महत्वपूर्ण बदलाव किए गए हैं। इन बदलावों में जगमोहन में एंट्री पूरी तरह बंद रहेगी, भक्त चंदन स्थान की तरफ भी नहीं जा सकेंगे, मंदिर परिसर में स्थित गणेश मंदिर का ताला खोल दिया गया है, लेकिन यहां कोई सेवादार तैनात नहीं होगा। गणेश मंदिर में सिर्फ दान पात्र रखा जाएगा, सेवाकार्य वहीं से संचालित नहीं किए जाएंगे। आदि बदलाव शामिल हैं। कुल मिलाकर, दर्शन व्यवस्था को सरल और सुरक्षित रखने के लिए भीड़ की दिशा और मूवमेंट में बड़ा बदलाव किया गया है। बता दें कि कमेटी के इस निर्णय से गोस्वामी समाज में नाराज़गी फैल गई है। समाज का कहना है कि यह आदेश उनके अनुसार ‘मनमाना’ है और इससे भक्तों की पारंपरिक व्यवस्था पर असर पड़ेगा। उनका दावा है कि समितियाँ बिना समुचित संवाद के निर्णय ले रही हैं, जो भक्तों और सेवा परंपरा दोनों को प्रभावित कर रहा है।
जगमोहन क्या है?
बांके बिहारी मंदिर में जगमोहन वह स्थान है जो गर्भगृह और आम श्रद्धालुओं के दर्शन स्थल के बीच होता है। यहां से भक्त सबसे नज़दीक से ठाकुरजी के दर्शन कर पाते हैं। भीड़ सबसे ज्यादा इसी क्षेत्र में इकट्ठी होती है, इसलिए सुरक्षा में यह स्थान सबसे संवेदनशील माना जाता है।