केरल में SIR पर सुप्रीम कोर्ट की सख्ती: चुनाव आयोग को नोटिस, 26 नवंबर को होगी अगली सुनवाई

डिजिटल डेस्क- केरल सरकार की ओर से चुनाव आयोग द्वारा शुरू किए गए वोटर लिस्ट के स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) को तत्काल रोकने की मांग पर सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को अहम कदम उठाया। शीर्ष अदालत ने इस मामले में इलेक्शन कमीशन ऑफ इंडिया (ECI) को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। अदालत ने यह कार्रवाई उस समय की जब केरल सरकार, राज्य के कई नेताओं और राजनीतिक दलों ने SIR प्रक्रिया को चुनौती देते हुए जल्दबाज़ी में इसे लागू करने पर आपत्ति जताई है।

स्थगन की मांग पर सुनवाई 26 नवंबर को

जस्टिस सूर्यकांत, जस्टिस एसवीएन भट्टी और जस्टिस जॉयमाल्या बागची की बेंच ने सभी याचिकाकर्ताओं की दलीलें सुनने के बाद कहा कि सभी संबंधित पिटिशन पर 26 नवंबर को विस्तृत सुनवाई की जाएगी। याचिकाकर्ताओं में केरल सरकार के साथ विधायक सनी जोसेफ, एमवी गोविंदन और IUML नेता पीके कुन्हालीकुट्टी भी शामिल हैं। कुछ याचिकाएं SIR प्रक्रिया को पूरी तरह चुनौती देती हैं, जबकि कुछ केवल इसे टालने की अपील करती हैं। केरल सरकार की ओर से सीनियर एडवोकेट कपिल सिब्बल ने कहा कि SIR का काम स्थानीय निकाय चुनावों से पहले खत्म करना संभव नहीं है और इससे प्रशासनिक कार्यों में भारी बाधा आएगी। सिब्बल ने कहा कि राज्य सिर्फ इतना चाहता है कि इस प्रक्रिया को LSGI चुनावों के बाद तक टाल दिया जाए। केरल सरकार पहले हाई कोर्ट गई थी, लेकिन वहां दखल देने से इनकार कर दिया गया। हाई कोर्ट ने कहा कि मामला सुप्रीम कोर्ट में पहले से लंबित है और राज्य को वहीं राहत मांगनी चाहिए। उल्लेखनीय है कि सुप्रीम कोर्ट बिहार, तमिलनाडु और पश्चिम बंगाल में भी SIR से जुड़े मामलों पर सुनवाई कर रहा है।

चुनाव शेड्यूल से टकरा रही SIR प्रक्रिया

राज्य सरकार ने दलील दी है कि दिसंबर 2025 में होने वाले स्थानीय निकाय चुनावों की तैयारियां जोरों पर हैं। केरल में 1,200 लोकल बॉडी और 23,612 वार्ड हैं, जिन पर चुनाव होने हैं। राज्य चुनाव आयोग ने 9 और 11 दिसंबर 2025 को मतदान और 13 दिसंबर से मतगणना का शेड्यूल तैयार किया है। पूरी चुनाव प्रक्रिया 18 दिसंबर तक पूरी करनी होगी। इन चुनावों के लिए 68,000 पुलिसकर्मी और 1.76 लाख प्रशासनिक कर्मचारियों की जरूरत होती है। वहीं, SIR के लिए 25,668 अतिरिक्त कर्मचारियों की आवश्यकता है, जिससे राज्य प्रशासन पर भारी बोझ पड़ रहा है। याचिका में कहा गया कि दोनों काम एक साथ चलने पर प्रशासनिक कामकाज ठप पड़ जाएगा।

टाइमलाइन में सीधा टकराव

SIR की गिनती की अंतिम तारीख 4 दिसंबर तय की गई है और विवरण 9 दिसंबर तक भेजने हैं। वहीं 7 फरवरी 2026 को फाइनल वोटर लिस्ट प्रकाशित होनी है। सरकार के मुताबिक यह टाइमलाइन लोकल बॉडी चुनावों के शेड्यूल से सीधे टकरा रही है, इसलिए SIR को टालना जरूरी है। याचिका में कहा गया कि लोकसभा चुनाव 2024 पूरे हो चुके हैं और अगला विधानसभा चुनाव मई 2026 से पहले होने हैं, ऐसे में SIR को तुरंत लागू करने का कोई दबाव नहीं है।

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