दिल्ली विस्फोट केस में बड़ा खुलासा, गिरफ्तार डॉक्टर को भेजे गए थे बम बनाने के 40 से अधिक वीडियो

डिजिटल डेस्क- दिल्ली में हाल ही में हुए विस्फोट मामले की जांच में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) को बड़े सुराग मिले हैं। गुरुवार को अदालत ने मुख्य आरोपी उमर नबी के करीबी सहयोगियों मुजम्मिल अहमद गनई, अदील अहमद राथर, शाहीन सईद अंसारी और मुफ्ती इरफान अहमद वागय को 10 दिन की NIA हिरासत में भेज दिया। इनमें से डॉक्टर मुजम्मिल अहमद गनई की भूमिका सबसे गंभीर मानी जा रही है, जिसे एक विदेशी हैंडलर द्वारा एन्क्रिप्टेड ऐप्स के जरिए बम बनाने के 40 से अधिक वीडियो भेजे गए थे। कर्नाटक से मिली खुफिया जानकारी के अनुसार, जांच एजेंसियों का मानना है कि तीन विदेशी संचालक—हंजुल्लाह, निसार और उकासा मुजम्मिल गनई को लगातार तकनीकी सहायता दे रहे थे। ये नाम असली नहीं, बल्कि कोड नेम बताए जाते हैं। हंजुल्लाह ने अकेले गनई को बम बनाने से जुड़े 40 से अधिक वीडियो भेजे थे। यही नहीं, मुजम्मिल की गिरफ्तारी के बाद उसके परिसर से 2,500 किलोग्राम से अधिक विस्फोटक सामग्री बरामद हुई, जिसमें 350 किलोग्राम अमोनियम नाइट्रेट शामिल था। इस बरामदगी से स्पष्ट है कि आरोपी बड़े पैमाने पर धमाकों की साजिश रच रहे थे।

फैजल उर्फ ‘कर्नल’—विस्फोट श्रृंखला का मास्टरमाइंड?

जांचकर्ताओं के अनुसार, मोहम्मद शाहिद फैजल नामक एक विदेशी हैंडलर कई घटनाओं के पीछे प्रमुख भूमिका निभा रहा है। वह ‘कर्नल’, ‘लैपटॉप भाई’ और ‘भाई’ जैसे कोड नेम से काम करता था। फैजल का नाम 2020 से कर्नाटक और तमिलनाडु में सक्रिय आतंकी मॉड्यूल से जुड़ा बताया गया है और उस पर कई हमलों का शक है। खुफिया एजेंसियों का मानना है कि फैजल 2012 में लश्कर-ए-तैयबा से जुड़ी एक बड़ी साजिश के खुलासे के बाद फरार हो गया था और अब पाकिस्तान में छुपा हुआ है। वह बेंगलुरु का इंजीनियरिंग ग्रेजुएट है और करीब 13 साल से सुरक्षा एजेंसियों की पकड़ से बाहर है।

उकासा तुर्की में सक्रिय, कई संचालक अब भी फरार

जांच में यह भी सामने आया है कि ‘उकासा’ नाम का एक संचालक तुर्की में सक्रिय है और कई मॉड्यूल्स को ऑनलाइन निर्देश देता है। यह वही मॉड्यूल है, जिसे एजेंसियां ‘लाल किला आतंकी मॉड्यूल’ कह रही हैं, जिसके कई सदस्य अब भी फरार हैं। NIA ने हिरासत में लिए गए चारों आरोपियों से कठोर पूछताछ शुरू कर दी है। एजेंसियों का मानना है कि इनकी गिरफ्तारी से एक बड़े अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क का पर्दाफाश हो सकता है, जो भारत में DIY बम तकनीक के जरिए आतंकी घटनाओं को अंजाम देने की कोशिश कर रहा था।