KNEWS DESK- ज्योतिष शास्त्र में चंद्रमा को मन, भावनाओं और सौंदर्य का कारक ग्रह माना गया है। कर्क राशि के स्वामी चंद्र देव को हिंदू धर्म में अत्यंत शुभ और कल्याणकारी देवता बताया गया है। मान्यता है कि चंद्र देव के दर्शन और पूजन से मानसिक शांति, आकर्षण, सुख-सौभाग्य और आध्यात्मिक ऊर्जा बढ़ती है।

अमावस्या के अगले दिन जब पहली बार चंद्रमा दिखाई देता है, उसे चंद्र दर्शन कहा जाता है। यह शुभ अवसर नकारात्मक ऊर्जा को दूर कर जीवन में नई सकारात्मकता लाने वाला माना गया है।
22 नवंबर को होगा चंद्र दर्शन
अमावस्या के बाद इस माह चंद्र दर्शन 22 नवंबर 2025 को किया जाएगा। द्रिक पंचांग के अनुसार, इस दिन चंद्रमा के उदय का समय शाम 5:25 से शुरू होकर 6:39 बजे तक रहेगा। इस प्रकार चंद्र देव के दर्शन का कुल समय 1 घंटे 14 मिनट का होगा, जो अत्यंत शुभ माना जाता है।
चंद्र देव की पूजा-विधि
चंद्र दर्शन के दिन चंद्रमा के उदय के समय निम्न विधि से पूजा की जाती है:
1. पवित्र होकर सफेद वस्त्र धारण करें
संध्या के समय स्नान कर मानसिक और शारीरिक शुद्धि के बाद सफेद या हल्के रंग के वस्त्र पहनें।
2. चंद्र देव को अर्घ्य अर्पित करें
एक साफ लोटे में स्वच्छ पानी, कच्चा दूध, सफेद फूल और अक्षत मिलाकर चंद्रमा की ओर अर्घ्य दें।
3. मंत्र जप करें
अर्घ्य देते समय इनमें से किसी एक मंत्र का जाप करें—
- ॐ चं चंद्राय नमः
- ॐ सों सोमाय नमः
4. खीर का भोग लगाएं
चंद्र देव को सफेद रंग का प्रसाद—विशेषकर खीर—अर्पित करना अत्यंत शुभ माना जाता है।
5. आशीर्वाद और कामना करें
पूजा के बाद चंद्र देव से मानसिक शांति, संतुलन, सुख, सौभाग्य और घर-परिवार की उन्नति की कामना करें।
चंद्र दर्शन का महत्व
चंद्र दर्शन को धर्मग्रंथों में अत्यंत पवित्र और सौभाग्य बढ़ाने वाला बताया गया है। यह ज्ञान, शांति और चित्त की स्थिरता का प्रतीक है। ज्योतिष अनुसार, अमावस्या के बाद पहली बार दिखाई दिए चंद्रमा का दर्शन करने से शुभ फल प्राप्त होते हैं।मानसिक तनाव और चिंता दूर होती है, और मन प्रसन्न तथा संतुलित रहता है। परिवार में सुख, धन-संपत्ति और सकारात्मक ऊर्जा बढ़ती है।
22 नवंबर 2025 का चंद्र दर्शन आपके जीवन में नई रोशनी, शांति और समृद्धि का द्वार खोल सकता है। विधिपूर्वक किए गए चंद्र पूजन से मन की अशांति दूर होती है और मानसिक बल बढ़ता है। इस शुभ अवसर पर श्रद्धा और भक्ति के साथ चंद्र देव के दर्शन अवश्य करें।