KNEWS DESK – नेपाल के बारा जिले में जेन-Z युवाओं का गुस्सा एक बार फिर फूट पड़ा है। दो महीने पहले बड़े पैमाने पर हुए जेन-Z आंदोलन के बाद हालात संभले भी नहीं थे कि सिमरा इलाके में तनाव फिर बढ़ गया। बुधवार को CPN-UML कार्यकर्ताओं और जेन-Z समूह के युवाओं के बीच हुई झड़प के बाद गुरुवार को माहौल पूरी तरह बिगड़ गया, जिसके चलते जिला प्रशासन ने दोपहर 12:45 बजे से रात 8 बजे तक कर्फ्यू लागू कर दिया।
पुलिस-प्रदर्शनकारियों में टकराव, आंसू गैस का इस्तेमाल
गुरुवार सुबह करीब 11 बजे बड़ी संख्या में जेन-Z समर्थक सिमरा चौक पर जमा हुए। प्रदर्शन बढ़ता देख पुलिस ने भीड़ हटाने के लिए बल प्रयोग किया और आंसू गैस के गोले छोड़े। तनाव बढ़ता देख प्रशासन ने आपात स्थिति में कर्फ्यू लगाने का फैसला लिया, ताकि हालात बेकाबू न हों।
युवाओं का आरोप: सभी आरोपी गिरफ्तार नहीं किए गए
जेन-Z युवाओं का कहना है कि बुधवार की झड़प में UML कार्यकर्ताओं द्वारा की गई मारपीट और हमले की उनकी शिकायत पर कार्रवाई अधूरी है। समूह का आरोप है कि जिन 6 UML कार्यकर्ताओं के खिलाफ FIR दर्ज कराई गई थी, उनमें से सभी की गिरफ्तारी नहीं हुई।
इस दबाव के बाद पुलिस ने दो UML पदाधिकारियों—वार्ड 2 अध्यक्ष धन बहादुर श्रेष्ठ और वार्ड 6 अध्यक्ष कैमुद्दीन अंसारी—को अरेस्ट किया है। बुधवार की घटना में जेन-Z के 6 समर्थक घायल हुए थे।
जिला प्रशासन हाई अलर्ट पर
तनाव बढ़ने के बाद प्रशासन ने जिले के प्रमुख चौराहों, संवेदनशील इलाकों और सिमरा एयरपोर्ट के आसपास अतिरिक्त सुरक्षा बल तैनात कर दिए हैं। बुधवार की झड़प के कारण एयरपोर्ट को अस्थायी रूप से उड़ानें रोकनी पड़ी थीं।
झड़प की वजह क्या थी?
तनाव की शुरुआत तब हुई जब UML पार्टी सिमरा में अपना यूथ अवेकनिंग कैंपेन आयोजित करने जा रही थी। UML के शीर्ष नेता—महासचिव शंकर पोखरेल और पोलितब्यूरो सदस्य महेश बस्नेत—कार्यक्रम को संबोधित करने वाले थे। जेन-Z युवाओं ने कार्यक्रम का विरोध किया, जिसके बाद दोनों पक्षों में बहस, धक्का-मुक्की और फिर हिंसक झड़प हो गई।
प्रशासन लगातार हालात पर नजर बनाए हुए है। स्थानीय स्तर पर राजनीतिक तनाव और जेन-Z आंदोलन की बढ़ती गतिविधियों को देखते हुए पुलिस और प्रशासन दोनों सतर्क हैं। हालांकि कर्फ्यू के बाद फिलहाल स्थिति नियंत्रण में बताई जा रही है, लेकिन किसी भी समय हालात फिर बिगड़ने की आशंका बनी हुई है।