KNEWS DESK- अल-फलाह ग्रुप के चेयरमैन और यूनिवर्सिटी के संस्थापक जवाद अहमद सिद्दीकी को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम कानून (PMLA) के तहत गिरफ्तार कर लिया है। यह कार्रवाई उन वित्तीय गड़बड़ियों की जांच के बाद हुई, जिनसे पता चला कि छात्रों की फीस और लोगों से ठगे गए धन का इस्तेमाल निजी और व्यक्तिगत कामों में किया गया।
जांच में शामिल अधिकारियों को कई गवाहों के बयान मिले, जिनमें स्पष्ट किया गया है कि सभी बड़े आर्थिक फैसले चेयरमैन-कम-चांसलर जवाद सिद्दीकी ही लेते थे। अल-फलाह यूनिवर्सिटी के लीगल और चीफ फाइनेंशियल ऑफिसर मोहम्मद राज़ी ने बयान में स्वीकार किया कि वे सीधे चेयरमैन को रिपोर्ट करते थे। किसी भी वित्तीय लेन-देन का अंतिम निर्णय सिद्दीकी द्वारा ही लिया जाता था।
जांच में यह भी सामने आया कि अल-फलाह चैरिटेबल ट्रस्ट, अल-फलाह यूनिवर्सिटी, स्कूल ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी सहित सभी संस्थानों के बैंक खाते और आयकर रिटर्न एक ही PAN (AAATA0235F) के तहत संचालित होते थे। इससे एजेंसियों ने निष्कर्ष निकाला कि पूरा आर्थिक नियंत्रण एक ही इकाई और सीधे एक ही व्यक्ति—के हाथ में था।
दिल्ली पुलिस क्राइम ब्रांच द्वारा दर्ज FIR 337/2025 और 338/2025 में आरोप लगाया गया है कि विश्वविद्यालय ने गलत मान्यता दिखाकर छात्रों को दाखिला दिया। फर्जी दस्तावेजों का उपयोग किया गया। इन फर्जीवाड़ों के आधार पर करोड़ों रुपये की कमाई की गई।
जांच एजेंसी के अनुसार, यह मामला धोखाधड़ी, जालसाज़ी और मनी लॉन्ड्रिंग के गंभीर अपराधों की श्रेणी में आता है और आगे भी कई बड़े खुलासे हो सकते हैं।