अल-फलाह समूह के चेयरमैन जावद अहमद सिद्दीकी 13 दिन की ईडी हिरासत में, आधी रात को अदालत में पेशी

KNEWS DESK- दिल्ली की विशेष अदालत ने अल-फलाह समूह के चेयरमैन और अल-फलाह विश्वविद्यालय के संस्थापक जावद अहमद सिद्दीकी को 13 दिन की प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) हिरासत में भेज दिया है। यह आदेश साकेत कोर्ट की अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश शीतल चौधरी प्रधान ने आधी रात बाद अपने चैंबर में सुनवाई के दौरान दिया।

जानकारी के मुताबिक, सिद्दीकी को अदालत के आवास पर रात 11 बजे पेश किया गया, जिसके बाद जज ने केस डायरी, गिरफ्तारी की परिस्थितियों और ईडी द्वारा प्रस्तुत साक्ष्यों का अध्ययन कर हिरासत को उचित ठहराया।

ईडी ने सिद्दीकी को 18 नवंबर 2025 की देर रात पीएमएलए (PMLA) की धारा 19 के तहत गिरफ्तार किया। एजेंसी का दावा है कि अल-फलाह विश्वविद्यालय ने कई वर्षों तक खुद को मान्यता प्राप्त संस्थान के रूप में गलत तरीके से प्रस्तुत किया और इसी आधार पर छात्रों से भारी भरकम फीस वसूली गई।

जांच एजेंसी ने अदालत को बताया कि सिद्दीकी ने धोखाधड़ी, जालसाजी और गलत दस्तावेजों के आधार पर विश्वविद्यालय की मान्यता से जुड़े फर्जी दावे किए। विश्वविद्यालय और संबंधित संस्थानों से प्राप्त धन को विभिन्न खातों में अनुचित तरीके से स्थानांतरित किया गया। बड़े पैमाने पर मनी लॉन्ड्रिंग के संकेत मिलने पर हिरासत में पूछताछ जरूरी है, ताकि धन के प्रवाह, शामिल लोगों और नेटवर्क की कड़ियों तक पहुंचा जा सके।

अदालत ने इन आधारों पर माना कि सिद्दीकी के खिलाफ प्राथमिक स्तर पर गंभीर आरोपों का पर्याप्त आधार मौजूद है। ईडी की ओर से प्रस्तुत वित्तीय जांच रिपोर्ट के अनुसार, वित्त वर्ष 2018-19 से 2024-25 के बीच अल-फलाह संस्थान ने शिक्षा शुल्क और अन्य स्रोतों से 415.10 करोड़ रुपये की आय अर्जित की। ईडी का दावा है कि विश्वविद्यालय की मान्यता को गलत तरीके से पेश करने के कारण यह पूरी राशि अपराध से अर्जित आय (Proceeds of Crime) की श्रेणी में आती है। अदालत ने भी माना कि ये कमाई ऐसे अपराधों से जुड़ी है जो पीएमएलए की अनुसूची में शामिल हैं, इसलिए पूछताछ के लिए हिरासत आवश्यक है।

ईडी की कार्रवाई केवल वित्तीय जालसाजी तक सीमित नहीं है। एजेंसी को ऐसे संकेत मिले हैं कि लाल किला कार बम धमाका मामले की जांच के दौरान अल-फलाह विश्वविद्यालय और उससे जुड़े संस्थानों के नाम सामने आए। बम धमाके का आरोपी डॉ. उमर नबी, विश्वविद्यालय के अस्पताल से जुड़ा रहा है। इसके अलावा, कथित “सफेदपोश आतंकी नेटवर्क” से जुड़े कई व्यक्ति अल-फलाह संस्थान से संपर्क में पाए गए।

दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा द्वारा दर्ज दो एफआईआर के आधार पर ईडी ने यह मनी लॉन्ड्रिंग जांच शुरू की थी। इसी सिलसिले में मंगलवार को ईडी ने विश्वविद्यालय और संबंधित 25 से अधिक ठिकानों पर छापेमारी की, जिसके बाद पर्याप्त साक्ष्य मिलने पर सिद्दीकी को गिरफ्तार किया गया।