डिजिटल डेस्क- देश में नक्सलवाद के खिलाफ सुरक्षा एजेंसियों की सबसे बड़ी हालिया सफलता दर्ज की गई है। आंध्र प्रदेश के मारेदुमिली इलाके में मंगलवार सुबह एक बड़ी मुठभेड़ में कुख्यात नक्सली कमांडर माडवी हिडमा, उसकी पत्नी और प्रतिबंधित भाकपा (माओवादी) के चार अन्य कैडर ढेर कर दिए गए। अभियान सुबह 6.30 बजे से 7 बजे के बीच चलाया गया और इसे सुरक्षा एजेंसियों के लिए ऐतिहासिक सफलता माना जा रहा है। माडवी हिडमा, जो करीब 45 वर्ष का था, देश का सबसे वांटेड नक्सली कमांडर माना जाता था। उस पर केंद्र सहित कई राज्यों द्वारा कुल मिलाकर एक करोड़ रुपये से अधिक का इनाम घोषित था। केंद्र सरकार ने उस पर 45 लाख का इनाम रखा था, जबकि छत्तीसगढ़ ने 25 लाख रुपये और तेलंगाना व आंध्र प्रदेश ने भी कई इनाम घोषित किए थे। सरकारी सूत्रों के अनुसार, हिडमा दक्षिण बस्तर बटालियन की कमान संभालता था और वह नक्सलियों की टैक्टिकल यूनिट 1 (TCOC) का मास्टर प्लानर माना जाता था। उसका मारा जाना माओवादी संगठन के लिए बहुत बड़ा नुकसान है, क्योंकि वह कई बड़े हमलों का मुख्य साजिशकर्ता रहा है, जिसमें 2010 का ताड़मेटला नरसंहार और 2021 का सुकमा घात शामिल है, जिसमें 22 जवान शहीद हुए थे।
संयुक्त अभियानों से मिली बड़ी सफलता
अभियान में ग्रेहाउंड्स, डीआरजी और सीआरपीएफ की कोबरा यूनिट ने संयुक्त रूप से ऑपरेशन चलाया। जानकारी के अनुसार, माडवी हिडमा को छत्तीसगढ़, तेलंगाना और आंध्र प्रदेश के त्रि-जंक्शन पर घने जंगलों में ट्रैक किया गया। सुरक्षा बलों को खुफिया सूचना मिली थी कि माओवादी बड़ी गतिविधियों की योजना बना रहे हैं, जिसके बाद विशेष अभियान शाखा ने सर्च ऑपरेशन शुरू किया।
हिडमा की दोनों पत्नियां भी मुठभेड़ में मारी गईं
मुठभेड़ के दौरान हिडमा की पत्नी माडवी हेमा सहित संगठन के चार वरिष्ठ कैडर ढेर हुए। स्थानीय सूत्रों के मुताबिक, हिडमा की दो पत्नियां थीं और दोनों ही इस मुठभेड़ में मारी गईं। सुरक्षा बलों ने घटनास्थल से कई हथियार, गोला-बारूद और नक्सली दस्तावेज भी बरामद किए हैं। शवों की पहचान की प्रक्रिया जारी है। हिडमा नक्सलियों के सैन्य अभियानों का मुख्य रणनीतिक दिमाग था। उसके खात्मे को सुरक्षा एजेंसियां नक्सल नेटवर्क की “कमर टूटने” जैसा बता रही हैं। माना जा रहा है कि हिडमा के मारे जाने के बाद दक्षिण बस्तर में नक्सली गतिविधियों पर बड़ा असर पड़ेगा और संगठन का ढांचा कमजोर होगा।