डिजिटल डेस्क- बिहार विधानसभा चुनाव में मिली करारी हार के बाद विपक्ष लगातार चुनावी प्रक्रिया पर सवाल उठा रहा है। चुनाव नतीजों में एनडीए गठबंधन ने 243 में से 202 सीटें हासिल कर ऐतिहासिक जीत दर्ज की है। वहीं पहली बार बीजेपी 89 सीटें जीतकर बिहार की सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है। हालांकि विपक्ष इस नतीजे को मानने को तैयार नहीं है और विभिन्न प्लेटफॉर्म पर चुनाव प्रक्रिया पर उंगलियां उठा रहा है। इसी बीच कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी के पति और कारोबारी रॉबर्ट वाड्रा का बयान राजनीतिक हलकों में नई चर्चा का विषय बन गया है। रॉबर्ट वाड्रा ने मीडिया से बातचीत में दावा किया कि बिहार चुनाव ‘सही तरीक़े से नहीं कराए गए और राज्य में दोबारा चुनाव होने चाहिए। उन्होंने कहा कि लोगों का चुनावी प्रक्रिया पर विश्वास कम हो गया है और अब जनता ही आंदोलन का रास्ता अपनाएगी। वाड्रा ने कहा कि हम एक ईमानदार देश चाहते हैं, जिसमें लोग खुश रहें। अगर चुनाव प्रक्रिया पर ही भरोसा नहीं बचेगा, तो विरोध जताना जरूरी हो जाएगा।
‘राहुल गांधी हार-जीत के लिए नहीं, सेकुलरिज़्म के लिए लड़ते हैं’
वाड्रा ने कहा कि राहुल गांधी जीत-हार से परे देश के मूल्यों की लड़ाई लड़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी हार से डरते नहीं। उनका लक्ष्य देश को सेकुलर रखना है, इसलिए वे लगातार लड़ेंगे और रुकेंगे नहीं।” चुनावी प्रक्रिया के खिलाफ आंदोलन की बात करते हुए वाड्रा ने कहा कि अब नई पीढ़ी जेन-जी खुलकर सामने आएगी। उन्होंने दावा किया कि युवाओं में गुस्सा है और वे ही इस मुद्दे पर सबसे मजबूती से आवाज उठाएंगे।
लालू परिवार को एकता की नसीहत
लालू प्रसाद यादव के परिवार में चल रही कलह पर प्रतिक्रिया देते हुए वाड्रा ने कहा कि परिवारिक एकता राजनीति से कहीं ज्यादा महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि मैंने खुद कई मुश्किलें झेली हैं, पर कभी देश छोड़ने के बारे में नहीं सोचा। चुनाव जीतना-हारना चलता रहता है, लेकिन परिवार को एकजुट रहना चाहिए। वाड्रा ने केंद्र सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि बीजेपी जांच एजेंसियों और चुनाव आयोग पर दबाव बना रही है। उन्होंने कहा कि जब तक चुनाव आयोग स्वतंत्र रूप से काम नहीं करेगा, तब तक निष्पक्ष चुनाव संभव नहीं।