मार्गशीर्ष मासिक शिवरात्रि 2025: आज निशिता काल में करें भोलेनाथ की आराधना, साथ ही पढ़ें यह व्रत कथा

KNEWS DESK- हिंदू धर्म में महादेव की साधना के लिए कई विशेष तिथियां मानी गई हैं, जिनमें मासिक शिवरात्रि का स्थान अत्यंत महत्वपूर्ण है। हर माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि पर यह व्रत रखा जाता है। मार्गशीर्ष (अगहन) मास की शिवरात्रि इस वर्ष 18 नवंबर को मनाई जा रही है। इस दिन निशिता काल में भगवान शिव की पूजा अत्यंत फलदायी मानी गई है।

मासिक शिवरात्रि पूजा के शुभ मुहूर्त 2025

  • निशिता काल पूजा: रात 11:40 बजे से 12:33 बजे तक
  • अमृत-सर्वोत्तम मुहूर्त: 19 नवंबर, रात 12:07 बजे से 1:47 बजे तक

इस दिन शिव भक्त उपवास रखते हैं और शाम के बाद निशिता काल में शिवलिंग पर जलाभिषेक, बेलपत्र, धतूरा, दूध, दही, घी और शहद अर्पित करते हैं। कहा जाता है कि जो व्यक्ति इस दिन व्रत नहीं भी रख पाता, वह केवल व्रत कथा सुनकर भी व्रत का फल प्राप्त कर लेता है।

मासिक शिवरात्रि व्रत कथा

मासिक शिवरात्रि से जुड़ी दो प्रमुख पौराणिक कथाएं मिलती हैं। शिकारी चित्रभानु की कथा और ब्राह्मण दंपति की कथा। दोनों कथाएं इस संदेश पर आधारित हैं कि सच्चे मन से की गई उपासना और जरूरतमंद की सहायता अवश्य फल देती है।

शिकारी चित्रभानु की कथा

एक समय चित्रभानु नाम का एक शिकारी था, जो जंगल में शिकार कर अपने परिवार का जीवनयापन करता था। उस पर भारी कर्ज था, जिसे न चुका पाने पर साहूकार ने उसे शिवरात्रि के दिन बंदी बना लिया। वहीं उसने शिवरात्रि व्रत की कथा सुनी। अगले दिन वह जंगल गया, लेकिन शिकार नहीं मिला। रात होते-होते वह एक बेल के पेड़ पर चढ़ गया, जिसके नीचे शिवलिंग स्थापित था। रात भर उसके धनुष से बेलपत्र शिवलिंग पर गिरते रहे। साथ ही उसने हिरणों को न मारकर उपवास भी कर लिया। इस प्रकार अनजाने में ही उसने शिवरात्रि का व्रत कर लिया, जिसके प्रभाव से उसका हृदय पवित्र हुआ और उसने आगे चलकर शिवभक्ति का मार्ग अपनाया।

ब्राह्मण दंपति की कथा

दूसरी कथा एक ब्राह्मण और उसकी पत्नी की है, जो प्रतिमाह पूरी श्रद्धा के साथ मासिक शिवरात्रि का व्रत रखते थे। एक बार उन्होंने व्रत के बाद भगवान शिव से अपने कष्टों को दूर करने की प्रार्थना की। व्रत समाप्ति के बाद उन्होंने राहगीरों को दक्षिणा दी और एक गरीब ब्राह्मण को भोजन कराया। उनकी सेवा-भावना और निष्ठा से प्रसन्न होकर भगवान शिव ने उन्हें मनोवांछित फल प्रदान किया और उनके सभी संकट दूर हो गए।

मासिक शिवरात्रि का महत्व

  • इस दिन किए गए व्रत से मनोकामनाएं पूर्ण होने का विश्वास है।
  • उपवास से आत्म-शुद्धि और मन की स्थिरता बढ़ती है।
  • शिवलिंग पर बेलपत्र चढ़ाने से पापों का क्षय होता है।
  • कथा सुनने मात्र से भी व्रत का फल प्राप्त होता है।

आज के दिन सच्चे मन से की गई पूजा, ध्यान और दान से महादेव की कृपा तुरंत प्राप्त होती है। हर-हर महादेव!