डिजिटल डेस्क– दिल्ली में आयोजित एक कार्यक्रम के मंच से भारतीय सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने आतंकवाद को लेकर पड़ोसी देशों पर परोक्ष रूप से कड़ा संदेश दिया। अपने सशक्त संबोधन में उन्होंने कहा कि भारत क्षेत्रीय शांति और स्थिरता के लिए प्रतिबद्ध है, लेकिन यदि कोई देश राज्य प्रायोजित आतंकवाद को बढ़ावा देता है, तो यह भारत के लिए गंभीर चिंता का विषय बन जाता है। उन्होंने दो-टूक शब्दों में कहा कि पानी और खून एक साथ नहीं बह सकते। संवाद और आतंकवाद एक साथ नहीं चल सकते। उनका यह बयान पाकिस्तान की ओर इशारा माना जा रहा है, जिसने सीमा पार से आतंकवाद के समर्थन को लेकर वर्षों से भारत की सुरक्षा चिंताएँ बढ़ाई हैं।
दिल्ली ब्लास्ट के बाद तेज हुई धरपकड़
उधर, दिल्ली में लाल किले के पास हुए हालिया बम धमाके के मामले में पुलिस की कार्रवाई तेजी से आगे बढ़ रही है। दिल्ली पुलिस क्राइम ब्रांच ने जांच को गति देते हुए अल फलाह यूनिवर्सिटी के चेयरमैन जावेद अहमद सिद्दीकी को दो समन भेजे हैं। पुलिस ने यूनिवर्सिटी के खिलाफ दो अलग-अलग FIR दर्ज की है, जिसमें आरोप है कि कुछ संदिग्धों को विश्वविद्यालय परिसर और संसाधनों से मदद मिली थी। क्राइम ब्रांच की टीमें अब यूनिवर्सिटी से जुड़े कई दस्तावेजों, सीसीटीवी फुटेज और स्टाफ के बैकग्राउंड की जांच कर रही हैं। अधिकारियों का मानना है कि कई अहम सुराग इस जांच से मिल सकते हैं।
सासंद के दावों के बाद एक्शन मोड में राज्यपाल
इसी बीच पश्चिम बंगाल में राजनीतिक हलचल बढ़ गई है। राज्यपाल सी.वी. आनंद बोस तृणमूल कांग्रेस के सांसद कल्याण बनर्जी के गंभीर आरोपों के बाद एक्शन मोड में नजर आ रहे हैं। बनर्जी ने दावा किया था कि राजभवन परिसर में हथियार और गोला-बारूद बांटे जा रहे हैं। इस आरोप के बाद राज्यपाल ने तुरंत सुरक्षा समीक्षा के निर्देश दिए। सूत्रों के अनुसार, राज्यपाल आज एक बार फिर राजभवन की सुरक्षा का विस्तृत निरीक्षण कर सकते हैं और संभव है कि वह CRPF के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ मिलकर पूरे परिसर की जांच-पड़ताल करें।